महेंद्र सिंह को मिली एसीपी धूमनगंज की कमान शासन ने 43वीं वाहिनी पीएसी कानपुर में तैनात महेंद्र सिंह को एसीपी धूमनगंज का चार्ज दिया है। बता दें कि अतीक अहमद की हत्या के बाद सीएम ने एक हाई लेवल मीटिंग की थी और पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिए थे कि कसी भी तरह से आम जनता को कोई तकलीफ नहीं होनी चाहिए और क्षेत्र में शान्ति व्यवस्था बनी रहनी चाहिए।
उमेश पाल हत्याकांड के बाद से ही उठने लगे थे सवाल 24 फरवरी को धूमनगंज थानाक्षेत्र में रहने वाले विधायक राजू पाल हत्याकांड के मुख्य गवाह और अधिवक्ता उमेश पाल की उनके आवास के बाहर कार से उतारते समय बेम और गोली मारकर दिन-दहाड़े हत्या कर दी गई थी। इसमें दो सिपाहियों की भी मौत हुई थी जो उमेश पाल की सुरक्षा में तैनात थे। इस हत्याकांड में अतीक अहमद, उसके भाई अशरफ, बीवी शाइस्ता और बेटे असद सहित 18 लोगों का नाम आया था। दिन दहाड़े हुई हत्या से पुलिसिंग पर सवाल उठे थे।
15 अप्रैल को अतीक की खुलेआम हत्या वहीं धूमनगंज सर्किल के थाने शाहगंज अंतर्गत कॉल्विन अस्पताल में 17 पुलिसकर्मियों, 4 AK-47 और इन्सांस राइफल्स की सुरक्षा में जा रहे अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की तीन अपराधियों ने मीडिया के भेष में आकर हत्या कर दी थी। इस मामले से नाराज सीएम योगी के निर्देश पर तुरंत उन 17 पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया गया था पर अंदरखाने की बात माने तो इसमें बड़े अधिकारियों की भी लापरवाही सामने आयी थी जिसके बाद शासन स्तर पर बीती रात एसीपी धूमनगंज एसीपी नरसिंह नारायण सिंह को हटाते हुए डीजीपी मुख्यालय से अटैच कर दिया गया है।