अतीक के काफिला 1300 किलोमीटर की दूरी तय करके पहुंचेगा प्रयागराज
यह काफिला गुजरात से उत्तर प्रदेश के प्रयागराज तक लगभग 1300 किलोमीटर की दूरी तय करेगा। उसे उमेश पाल अपहरण मामले में 28 मार्च को कोर्ट में पेश किया जाना है। अतीक के भाई को भी बरेली की जेल से लाकर प्रयागराज में कोर्ट में पेश किया जाना है।
यह काफिला गुजरात से उत्तर प्रदेश के प्रयागराज तक लगभग 1300 किलोमीटर की दूरी तय करेगा। उसे उमेश पाल अपहरण मामले में 28 मार्च को कोर्ट में पेश किया जाना है। अतीक के भाई को भी बरेली की जेल से लाकर प्रयागराज में कोर्ट में पेश किया जाना है।
अतीक अहमद, अशरफ अहमद और उमेश पाल अपहरण कांड के अन्य सभी आरोपितों के खिलाफ जो आरोप लगाए गए हैं, उनमें IPC की कई धाराएं शामिल हैं। इनमें IPC की धारा 364 ए सबसे बड़ी है, जो अपहरण के लिए सजा का प्रावधान करती है।
फांसी या आजीवन कारावास तक की सजा हो सकती है
वकीलों का कहना है कि इस मामले में माफिया अतीक अहमद को अधिकतम फांसी या आजीवन कारावास तक की सजा हो सकती है। उमेश पाल अपहरण केस में अतीक अहमद और अशरफ को सजा होती है तो यह किसी पहले मामले में सजा होगी।
वकीलों का कहना है कि इस मामले में माफिया अतीक अहमद को अधिकतम फांसी या आजीवन कारावास तक की सजा हो सकती है। उमेश पाल अपहरण केस में अतीक अहमद और अशरफ को सजा होती है तो यह किसी पहले मामले में सजा होगी।
राजू पाल हत्याकांड के 8 गवाहों पर दबाव डालकर अतीक अहमद ने बयान बदलवाया था। बसपा सरकार बनने के बाद उमेश पाल के अलावा अन्य गवाहों ने भी एफआईआर दर्ज कराई थी। सादिक, सैफुल्ला और महेंद्र सिंह पटेल ने भी एफआईआर दर्ज कराई थी। महेंद्र सिंह पटेल राजू पाल का ड्राइवर था। इसके मुकदमे का ट्रायल अभी चल रहा है.
उमेश पाल की कर दी गयी थी हत्या
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने दो माह में 16 मार्च 2023 तक केस की सुनवाई पूरा करने का आदेश दिया। मुकदमे की सुनवाई के दौरान अभियोजन ने 8 गवाह पेश किए। खास बात यह रही कि उमेश पाल अपहरण में 8 अभियुक्त वही हैं जो कि राजूपाल मर्डर केस में भी अभियुक्त थे।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने दो माह में 16 मार्च 2023 तक केस की सुनवाई पूरा करने का आदेश दिया। मुकदमे की सुनवाई के दौरान अभियोजन ने 8 गवाह पेश किए। खास बात यह रही कि उमेश पाल अपहरण में 8 अभियुक्त वही हैं जो कि राजूपाल मर्डर केस में भी अभियुक्त थे।
इसी केस की पैरवी से लौटने के बाद 24 फरवरी को उमेश पाल की हत्या कर दी गई। फायरिंग और बमबाजी कर की गई हत्या में उमेश पाल की सुरक्षा में तैनात दो सरकारी गनर भी मारे गए. उमेश पाल अपहरण केस में धूमनगंज थाने में आईपीसी की धारा 147,148, 149,364 ए,341, 342,504,506, 120बी और 7 सी एल ए एक्ट में एफआईआर दर्ज है.
क्या कहती है IPC की धारा 364A
इस धारा के अनुसार, जो कोई भी किसी व्यक्ति का अपहरण करता है या इस प्रकार के अपहरण के बाद किसी व्यक्ति को हिरासत में रखता है और ऐसे व्यक्ति को मौत या चोट पहुंचाने की धमकी देता है, या उसके आचरण से एक उचित आशंका पैदा होती है कि ऐसे व्यक्ति को मौत या चोट पहुंचाई जा सकती है, या सरकार या किसी विदेशी राज्य या अंतरराष्ट्रीय अंतर-सरकारी संगठन या किसी अन्य व्यक्ति को किसी भी कार्य को करने या फिरौती देने के लिए विवश करने के लिए ऐसे व्यक्ति को चौट या मृत्यु का कारण बनता है, मौत की सजा या कारावास जीवन और जुर्माना के लिए भी उत्तरदायी होगा।
इस धारा के अनुसार, जो कोई भी किसी व्यक्ति का अपहरण करता है या इस प्रकार के अपहरण के बाद किसी व्यक्ति को हिरासत में रखता है और ऐसे व्यक्ति को मौत या चोट पहुंचाने की धमकी देता है, या उसके आचरण से एक उचित आशंका पैदा होती है कि ऐसे व्यक्ति को मौत या चोट पहुंचाई जा सकती है, या सरकार या किसी विदेशी राज्य या अंतरराष्ट्रीय अंतर-सरकारी संगठन या किसी अन्य व्यक्ति को किसी भी कार्य को करने या फिरौती देने के लिए विवश करने के लिए ऐसे व्यक्ति को चौट या मृत्यु का कारण बनता है, मौत की सजा या कारावास जीवन और जुर्माना के लिए भी उत्तरदायी होगा।