जेल में रोज कराता था मालिश
अतीक की तेल-मालिश करते थे उसके सेवादार, मनपसंद खाना अलग चूल्हे पर पकाया जाता था। पुरानी जेल में ज्यादातर पुराने और पेशेवर कैदी बंद हैं। अतीक के बैरक में कुछ कैदी उसके सेवादार थे। वो उसकी तेल-मालिश करते थे। उसकी खातिरदारी में कोई कमी नहीं छोड़ते थे। अतीक को अपना मनपसंद खाना मिल सके इसके लिए सेवादार बैरक के अंदर ही लकड़ी के चूल्हे पर उसके लिए स्पेशल पकवान बनाते थे, तो कभी बाहर के होटल से भी खाना मंगाया जाता था।
अतीक की तेल-मालिश करते थे उसके सेवादार, मनपसंद खाना अलग चूल्हे पर पकाया जाता था। पुरानी जेल में ज्यादातर पुराने और पेशेवर कैदी बंद हैं। अतीक के बैरक में कुछ कैदी उसके सेवादार थे। वो उसकी तेल-मालिश करते थे। उसकी खातिरदारी में कोई कमी नहीं छोड़ते थे। अतीक को अपना मनपसंद खाना मिल सके इसके लिए सेवादार बैरक के अंदर ही लकड़ी के चूल्हे पर उसके लिए स्पेशल पकवान बनाते थे, तो कभी बाहर के होटल से भी खाना मंगाया जाता था।
अतीक को खाने में ये पसंद था
माफिया डॉन अतीक अहमद को खाने पीने का बहुत शौक था। वह लकडी के चूल्हे पर बना पकवान खाना पसंद करता था। उसे मटन बहुत पंसद था, जिसे वह साबरमती जेल में भी होटल से हमेशा मंगाया करता था।
माफिया डॉन अतीक अहमद को खाने पीने का बहुत शौक था। वह लकडी के चूल्हे पर बना पकवान खाना पसंद करता था। उसे मटन बहुत पंसद था, जिसे वह साबरमती जेल में भी होटल से हमेशा मंगाया करता था।
सिर पर कपड़ा क्यों बांधता है अतीक
अतीक अहमद के सिर पर सफेद कपड़ा बांधने को लोग कोई मजहबी वजह या टोटका मानते थे लेकिन ऐसा नहीं था। अतीक का सिर पर कपड़ा रखने का सिलसिला करीब 15 साल पुराना था। अतीक अहमद जब विधायक था तो वो सिर पर कोई कपड़ा नहीं बांधता था। उसके बाल तेजी से गिरने लगे तो उसने कैप पहनना शुरू किया। हालांकि 2004 में जब वो सांसद चुना गया तो कई बार कैप में संसद में दिखता था।
अतीक अहमद के सिर पर सफेद कपड़ा बांधने को लोग कोई मजहबी वजह या टोटका मानते थे लेकिन ऐसा नहीं था। अतीक का सिर पर कपड़ा रखने का सिलसिला करीब 15 साल पुराना था। अतीक अहमद जब विधायक था तो वो सिर पर कोई कपड़ा नहीं बांधता था। उसके बाल तेजी से गिरने लगे तो उसने कैप पहनना शुरू किया। हालांकि 2004 में जब वो सांसद चुना गया तो कई बार कैप में संसद में दिखता था।
कपड़ा बांधना शुरु किया तो यही बन गई पहचान
अतीक ने झड़े बालों को छुपाने के लिए सिर पर हर वक्त सफेद कपड़ा पहनना 2007 के विधानसभा के आसपास शुरू किया। इसके बाद से ये उसकी पहचान बन गया। इसके बाद तो वो जेल, चुनाव, घर हर जगह सिर पर सफेद कपड़ा बांधे हुए ही दिखता है। सफेद कपड़ा भले उसने अपने गंजे सिर को छुपाने के लिए बांधना शुरू किया हो लेकिन अब ये अतीक की पहचान की तरह हो गया है। यहां तक कि उसका भाई अशरफ भी इसी अंदाज में सिर पर कपड़ा बांधे हुए प्रयागराज कोर्ट में दिखाई दिया था ।
अतीक ने झड़े बालों को छुपाने के लिए सिर पर हर वक्त सफेद कपड़ा पहनना 2007 के विधानसभा के आसपास शुरू किया। इसके बाद से ये उसकी पहचान बन गया। इसके बाद तो वो जेल, चुनाव, घर हर जगह सिर पर सफेद कपड़ा बांधे हुए ही दिखता है। सफेद कपड़ा भले उसने अपने गंजे सिर को छुपाने के लिए बांधना शुरू किया हो लेकिन अब ये अतीक की पहचान की तरह हो गया है। यहां तक कि उसका भाई अशरफ भी इसी अंदाज में सिर पर कपड़ा बांधे हुए प्रयागराज कोर्ट में दिखाई दिया था ।
महंगी गाड़ियों का था शौकिन
माफिया अतीक के बारे में कहा जाता है कि उसे लग्जरी गाड़ियों की सवारी और उन्हें अपने काफिले में शामिल कराना बेहद पसंद था। अतीक के पास लैंड क्रूजर, मर्सिडीज और एसयूवी गाड़ियों के साथ ही तकरीबन आठ करोड़ रूपये की लागत वाली अमेरिकन कंपनी की वो हमर कार भी थी, जिसका प्रदर्शन उसने 2017 के विधानसभा इलेक्शन के दौरान कानपुर में किया था। बिना नंबर की ये कार उस वक्त हफ्तों सुर्खियों में रही थी।
माफिया अतीक के बारे में कहा जाता है कि उसे लग्जरी गाड़ियों की सवारी और उन्हें अपने काफिले में शामिल कराना बेहद पसंद था। अतीक के पास लैंड क्रूजर, मर्सिडीज और एसयूवी गाड़ियों के साथ ही तकरीबन आठ करोड़ रूपये की लागत वाली अमेरिकन कंपनी की वो हमर कार भी थी, जिसका प्रदर्शन उसने 2017 के विधानसभा इलेक्शन के दौरान कानपुर में किया था। बिना नंबर की ये कार उस वक्त हफ्तों सुर्खियों में रही थी।