दिल्ली में एक नेता ने दी थी दोनों को शरण
उत्तर प्रदेश पुलिस सूत्रों के मुताबिक, दिल्ली के एक राजनेता ने भी असद को दिल्ली में शरण दिलाने में मदद की थी। आपको बता दें कि माफिया अतीक का भाई अशरफ जेल में बंद होने के बाद भी फेसटाइम और व्हाट्सएप का लागातार इस्तेमाल कर रहा था, जिसके जरिए वह असद, गुलाम और अन्य शूटरों से बातचीत करता था।
उत्तर प्रदेश पुलिस सूत्रों के मुताबिक, दिल्ली के एक राजनेता ने भी असद को दिल्ली में शरण दिलाने में मदद की थी। आपको बता दें कि माफिया अतीक का भाई अशरफ जेल में बंद होने के बाद भी फेसटाइम और व्हाट्सएप का लागातार इस्तेमाल कर रहा था, जिसके जरिए वह असद, गुलाम और अन्य शूटरों से बातचीत करता था।
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फेसटाइम और वाट्सऐप का लागातार हो रहा था इस्तेमालपुलिस सूत्रों के मुताबिक, अतीक अपने बेटे असद को पकड़े जाने से बचाने के लिए पूरी ताकत झोंक दिया था। उमेश पाल की हत्या के बाद असद और गुलाम पहले प्रयागराज से कानपुर भागे फिर वे बस से नोएडा फरार हो गये। लेकिन यूपी एसटीएफ की दविश के बाद वे किसी नेता के सहारे दिल्ली भाग गए। कहा जा रहा है कि दिल्ली के संगम विहार इलाके में एक राजनेता ने उनके छुपने की पूरी व्यवस्था की थी। गौरतलब है कि अतीक अहमद की पत्नी शाइस्ता परवीन ने मेरठ निवासी अखलाक के जरिए अपने बेटे असद और शूटर गुलाम को पैसे भेजवाई थी। इस पूरी गतिविधि को फेसटाइम और वाट्सऐप के जरिए अंजाम दिया जा रहा था।