मामले में जमानत आवेदक ने अप्रैल 2022 में निचली अदालत के समक्ष एक अग्रिम जमानत आवेदन दायर किया था और इसे 30 अप्रैल 2022 को खारिज कर दिया गया था। इसके बाद, उद्घोषणा सीआऱपीसी की धारा 82 के तहत निचली अदालत ने 9 मई, 2022 यानी उनकी अग्रिम जमानत याचिका खारिज होने के बाद जारी किया था।
मामले में अभियुक्त बने अग्रिम जमानत के लिए हाईकोर्ट में गया, तो कोर्ट के समक्ष यह प्रश्न था कि क्या वह अग्रिम जमानत का हकदार है, जबकि सुप्रीम कोर्ट ने कई मामलों में यह माना है कि एक व्यक्ति जिसके खिलाफ सीआरपीसी की धारा 82 और 83 के तहत उद्घोषणा जारी की गई है वह अग्रिम जमानत का लाभ पाने का हकदार नहीं होगा।
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