छह जनवरी को अगली सुनवाई कोर्ट ने प्राधिकरण के हलफनामे को तस्वीर के स्पष्ट न होने के कारण उसे वापस कर दिया गया। वहीं, वाराणसी में गंगा पार नहर निर्माण व काशी विश्वनाथ कॉरिडोर निर्माण से गंगा घाटों को खतरे तथा कछुआ सेंक्चुरी को लेकर नियुक्त न्यायमित्र अरुण कुमार गुप्ता की आपत्ति को कोर्ट ने गंभीरता से लिया। कोर्ट ने यह भी कहा कि कछुआ सेंक्चुरी को शिफ्ट करने की कोशिश समझ से परे है। इस पर याची अधिवक्ता, न्यायमित्र, केंद्र व राज्य सरकार, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, जल निगम, नगर निगम आदि विपक्षियों द्वारा हलफनामे दाखिल किए गए। छह जनवरी को मामले की अगली सुनवाई होगी।