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कोर्ट ने कहा आदेश से स्पष्ट झलकना चाहिए कि पारित करते समय न्यायिक विवेक का इस्तेमाल किया गया है। न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वारा मैकेनिकल मैनर में सम्मन जारी करना आपत्तिजनक व निंदनीय है। मजिस्ट्रेट द्वारा न्यायिक विवेक का इस्तेमाल किए बगैर जारी आदेश न्यायिक प्रक्रिया की हत्या है। कोर्ट ने सी जे एम सोनभद्र के सम्मन आदेश को रद्द कर दिया है और नये सिरे से दो माह में नियमानुसार कार्यवाही करने का निर्देश दिया है। यह भी पढ़ें