कोर्ट ने उनको 17 जून तक हलफनामा दाखिल करने के लिए कहा है। बैंक अधिकारी ए.एम कुलश्रेष्ठ की याचिका पर न्यायमूर्ति अश्वनी कुमार मिश्र ने सुनवाई की। याचिका पर अगली सुनवाई 17 जून को होगी।
याची के वरिष्ठ अधिवक्ता राकेश पाण्डेय का कहना था कि याची के मुंबई में डिप्टी जनरल मैनेजर पद पर नियुक्ति के दौरान 261.37 करोड़ रूपये का बैंक घोटाला हुआ। गलत ओवर ड्राफ्ट और खाता एनपीए होने पर बैंक ने याची को निलंबित कर दिया।
तब से दस माह बीत जाने के बाद भी आज तक याची के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही शुरू नहीं की गयी और न ही याची के खिलाफ कोई गंभीर बात सामने आई है। अधिवक्ता का कहना था कि याची 30 जून को सेवानिवृत्त होने वाला है, ऐसे में उसे निलंबित रखना गैर कानूनी है।
इस मामले में यूनियन बैंक के जवाब में कहा कि चूंकि प्रकरण में कई अधिकारी और कर्मचारी शामिल हैं तथा सभी से जवाब मांगा गया है। विजिलेंस विभाग को भी प्रकरण संदर्भित किया गया कि क्या इसकी विजलेंस जांच हो सकती है। कोर्ट का कहना था कि बैंक के हलफनामे में यह नहीं बताया गया कि याची के खिलाफ क्या साक्ष्य मिले हैं।
याची को अगस्त 2018 में निलंबित किया गया। सुप्रीम कोर्ट ने अजय कुमार चैधरी केस में किसी कर्मचारी को 90 दिन से अधिक निलंबित रखने को गैरकानूनी माना है। कोर्ट ने बैंक के कार्यकारी निदेशक को 17 जून तक व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल करने के लिए कहा है।
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