मामले में याची की ओर से शिकायत की गई थी कि उसके घर पर कुछ लोग पहुंचे और अपने को विद्युत निगम के कर्मचारी बताते हुए मीटर आदि की जांच करने लगे। उन्होंने याची पर पेनाल्टी भी लगा दी। उसे शंका हुई तो उसने डीएम और कमिश्नर से शिकायत की। मामले में जांच हुई तो फर्जी पाया गया। याची ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर कार्रवाई की मांग की थी।
मामले को गंभीरता से लेते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पहले जांच के आदेश दिए। जांच रिपोर्ट आने के बाद जूनियर अभियंता रवि रंजन, संजीव रोहेला, ओपी वर्मा के खिलाफ कार्रवाई के आदेश दिए गए। याची के अधिवक्ता आशुतोष कुमार की ओर से तर्क दिया गया कि मुरादाबाद में ऐसी घटनाएं अक्सर हो रही हैं। उपभोक्ता फर्जी जांच करने वालों के निशाने पर हैं। वे रेड डालकर वसूली कर रहे हैं। इस तरह के फर्जी काम करने वाले आरोपियों पर कार्रवाई होनी चाहिए।