कोर्ट ने कहा लोग कानूनी प्रक्रिया में उलझने के बजाय सुविधा शुल्क देना मजबूरी समझेंगे। ऐसे में सरकार भ्रष्टाचार पर अंकुश कैसे लगाएगी, समझ से परे है। कोर्ट ने कहा कि आर.टी. आई. एक्ट के स्पष्ट नियम के कारण ही वह प्रभावी साबित हो रही है। इस अधिनियम को लागू करने के नियम स्पष्ट व निश्चित होने चाहिए। ताकि भ्रष्ट व लापरवाह अधिकारियों पर कार्यवाई हो सके। सरकार की तरफ से कोर्ट से समय मांगा गया। सुनवाई आज 15 दिसम्बर को भी होगी।
गलत हलफनामा दाखिल करने वाले अधिकारियों पर कार्यवाई का निर्देश
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मथुरा वृंदावन नगर आयुक्त से पूछा है कि नगर सीमा में कितने आवासीय व अनावासीय भवन हैं जिनमें पानी के नल का कनेक्शन है और वे गन्दा पानी उत्सर्जित कर रहे हैं। कोर्ट ने नगर आयुक्त से ब्योरे के साथ हलफनामा मांगा है। अगली सुनवाई 19 दिसम्बर को होगी। यह आदेश न्यायमूर्ति अरुण टण्डन व न्यायमूर्ति राजीव जोशी की खण्डपीठ ने मधुमंगल शुक्ल की जनहित याचिका पर दिया है।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मथुरा वृंदावन नगर आयुक्त से पूछा है कि नगर सीमा में कितने आवासीय व अनावासीय भवन हैं जिनमें पानी के नल का कनेक्शन है और वे गन्दा पानी उत्सर्जित कर रहे हैं। कोर्ट ने नगर आयुक्त से ब्योरे के साथ हलफनामा मांगा है। अगली सुनवाई 19 दिसम्बर को होगी। यह आदेश न्यायमूर्ति अरुण टण्डन व न्यायमूर्ति राजीव जोशी की खण्डपीठ ने मधुमंगल शुक्ल की जनहित याचिका पर दिया है।
याचिका यमुना नदी में प्रदूषण पर रोक लगाने की मांग में दाखिल की गयी है। नगर में सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट की क्षमता आधे पानी के शोधन की नहीं है और अधिकारियाेें ने कोर्ट को बताया कि यमुना प्रदूषण मुक्त हो गयी हैं। कोर्ट ने अपर जिला जज से प्रदूषण पर रिपोर्ट मांगी तो कोर्ट को गुमराह करने का खुलासा हुआ। कोर्ट ने मुख्य सचिव को गलत हलफनामा दाखिल करने वाले अधिकारियों पर कार्यवाई का निर्देश दिया। कार्यवाही चल रही है। इसी बीच कोर्ट ने नालों को यमुना में गिरने से रोकने और उन्हें डायवर्ट करने का आदेश दिया है। इसी क्रम में नगर के भवनों की जानकारी तलब की गयी है।
by Prasoon Pandey