याची का कहना था कि भवन संख्या 396खंडहर है।जिसके पुनर्निर्माण की अनुमति नहीं दी जा रही है।समादेश जारी करने की मांग की गई है। सरकारी वकील का कहना है कि ऐसी ही याचिका पहले ही दायर की गई है जो विचाराधीन है। हलफनामा दोनों में एक ही व्यक्ति का है।जो याची का पुत्र है। याची अधिवक्ता ने कहा कि उसे नहीं बताया गया कि एक याचिका पहले ही इसी मांग में दाखिल है।
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