यह आदेश न्यायमूर्ति करुणेश सिंह पवार ने दिया है। अपील पर दाखिल अर्जी पर वरिष्ठ अधिवक्ता दया शंकर मिश्र ने बहस की। इनका तर्क था कि कार से तीन पैकेट बरामद किए गए। जिसमें से केवल एक से जाच के लिए शैंपल लिया गया।घटना का कोई चश्मदीद गवाह भी नहीं है।दो सह अभियुक्तों से आधा किलो प्रत्येक से बरामद किया गया किन्तु शैंपल एक से लिया गया। आरोपी के खिलाफ 19आपराधिक मामले दर्ज हैं। जिनमें से 7मे बरी हो चुका है।5निरोधात्मक है जिनकी अवधि खत्म हो चुकी है।अन्य 5मे जमानत पर हैं।
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