याचिकाकर्ता कालीचरण पर मृतका को परेशान करने, जिंदा जलाकर उसकी हत्या करने का आरोप लगाया गया है। मामले में कोर्ट में पेश किया और तर्क दिया किया गया कि मृतका को दुर्घटनावश जलने से चोंटे आई है। कहने पर उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया और उसकी मृत्यु के बाद शरीर को उसके पिता को सौंप दिया गया। न्यायालय के समक्ष यह भी कहा गया कि सीआरपीसी की धारा 156(3) के तहत आवेदन दाखिल करने से पहले मृतका के पिता ने पुलिस अधिकारियों को शिकायत की। शिकायत में याचिकाकर्ता के पक्ष में एक जांच की गई।
यह भी पढ़ें
UP Assembly Election 2022: जाने पूर्वंचल के चुनावी जंग में बाहुबलियों की कहानी, इस वजह से इनके इर्द-गिर्द घूमती है सत्त्ता
दूसरे पक्ष ने कोर्ट से कही यह बातें कोर्ट के समझ दूसरे पक्ष में मृतका के पिता की ओर से पेश हुए वकील ने कोर्ट से कहा कि दहेज की मांग को लेकर पूर्व में विवाद था और दोनों पक्षों के बीच एक समझौता किया गया। इसके तहत मृतका याचिकाकर्ता के साथ रहने लगी। लेकिन उसके बाद भी मृतका ने परिजनों को फोन करके सूचित किया कि उसे दहेज के लिए लगातार प्रताड़ित किया जा रहा है। आगे यह भी पेश किया गया है कि जब 14 मार्च, 2021 को लडक़ी के पिता ने अपनी बेटी (मृतका) को उसके मोबाइल फोन पर कॉल किया तो याचिकाकर्ता आरोपी ने कॉल रिसीव किया और कहा कि यहां पर सब ठीक है। यह भी पढ़ें