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मामले में न्यायालय ने 2013 के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश, मेरठ द्वारा भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 376G और धारा 506 के तहत पारित आदेश के खिलाफ बलात्कार के दोषी भूरा द्वारा दायर एक आपराधिक अपील से निपट रहा था। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश, मेरठ ने आईपीसी की धारा 376जी के तहत अपीलकर्ता/दोषी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई और दोषी ठहराया। मामले में दोषी की तरफ से इलाहाबाद हाईकोर्ट में अपील की और ट्रायल कोर्ट के निर्णय और आदेश का अवलोकन किया। सुनवाई के दौरान जोड़े गए साक्ष्यों को ध्यान में रखा और उसके बाद इस निष्कर्ष पर पहुंचा कि पूरी तरह से विश्वसनीय साक्ष्य के आधार पर अभियोजन पक्ष ने उचित संदेह से परे साबित कर दिया कि आरोपी भूरा@भूरा ने 3 मार्च, 2009 को पीड़िता के साथ रेप किया।
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