गठित बोर्ड के रिपोर्ट अनुसार लिया गया फैसला जानकारी के अनुसार मामला 8 सितंबर 2022 को सुनवाई के लिए आया था, तब कोर्ट ने पीड़िता की जांच करने और गर्भावस्था के मेडिकल टर्मिनेशन पर विचार करने के लिए एक मेडिकल बोर्ड का गठन करने का आदेश दिया था। इसके बाद बोर्ड की रिपोर्ट और इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए कि पीड़िता की 23 सप्ताह की गर्भावस्था है, न्यायालय ने गर्भपात की अनुमति दे दी गई है। इसके साथ ही ल निम्नलिखित आदेश पारित किया गया।
सामाजिक दुखों से होगी मुक्त न्यायालय ने मामले में सुनवाई करते हुए कहा कि सामाजिक दुखों के पीड़िता को मुक्त करने के लिए हम इसकी अनुमति दे रहे हैं। याचिकाकर्ता को इस उद्देश्य के लिए आवश्यक सभी आवश्यकताओं से सुसज्जित उचित चिकित्सा देखभाल प्रगदान की जाए। हम आशा और विश्वास करते हैं कि सीएमओ, बहराइच पूरी तरह से वित्तीय प्रबंध की निगरानी करेंगे,जिसमें पीड़ित के परिवार के दो अतिरिक्त सदस्यों के खाने-पीने और रहने का प्रबंध भी शामिल होगा।
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