इलाहाबाद. इलाहाबादवासियों को पूरे देश के हवाई यातायात से जोड़ने को लेकर बमरौली एयरपोर्ट सिविल हवाई एयर पोर्ट बनाने की प्रक्रिया तेज हो गई है। मंगलवार को हाईकोर्ट ने एयरपोर्ट अथाॅरिटी आॅफ इंडिया, प्रदेश सरकार सहित अन्य विभागों के अधिवक्ताओं को बमरौली एयरपोर्ट को उच्चस्तरीय बनाने के लिए कई निर्देश जारी किए। यह निर्देश संबंधित अधिवक्ताओं द्वारा कोर्ट में एयरपोर्ट का खागा पेश करने के दौरान दिया गया।
वर्तमान में इलाहाबाद को हवाई मार्ग से जोडने के लिए शहर में केवल बमरौली एयरपोर्ट ही है। यहां एयर इंडिया की एक मात्र फ्लाइट आती है। मुम्बई की फ्लाइट पिछले तीन महीने से बंद है। सिविल एविएशन की सुविधा नहीं होने के कारण बमरौली एयरपोर्ट पर उडानों का विस्तार नहीं हो पा रहा है। इसके कारण जल्दी आवागमन करने के लिए फ्लाइट का लाभ लोगों को नहीं मिल पा रहा है।
बमरौली एयरपोर्ट के विस्तार के लिए अधिवक्ता अनूप त्रिवेदी ने जनहित याचिका दायर की थी। मंगलवार को इस याचिका पर मुख्य न्यायमूर्ति डाॅ. वीवाई चंद्रचूड व यशवंत वर्मा की खंडपीठ सुनवाई कर रही है। अधिवक्ता त्रिवेदी के अनुसार 2014 में प्रदेश सरकार और एयरपोर्ट अथाॅरिटी के बीच एमओयू पर साइन हुआ था। इसके तहत 30.391 हेक्टेयर भूमि बमरौली के चंद्रभाानपुर और गौसनगर में किसानों से खरीदी जाएगी। इसके लिए डीएम ने एक टीम भी गठित कर दी हैं।
इसके माध्यम से किसानों से जमीन अधिग्रहण का कार्य होगा। वहीं पीठ ने दो महीने के अंदर जमीन अधिग्रहण के निर्देश जारी किए है। किसानों या अन्य जमीन खरीदी के एवज में 9500 रूपए प्रतिवर्ग मीटर के दर से भुगतान होगा। जमीन अधिग्रहण के बाद 289 करोड की लागत से सिविल एयरपोर्ट का कार्य शुरू होगा। हाईकोर्ट की ओर से लगातार बमरौली एयरपोर्ट को लेकर गंभीरता को देखते हुए उम्मीद की जा रही है जल्द ही शहर के लोगोें को एक सिविल एयरपोर्ट की सौगात मिल सकेगी।
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