प्रयागराज में हुई अखाड़ा परिषद की बैठक में सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित किया गया कि 13 अखाड़ों के अलावा किसी और अखाड़े को मान्यता नहीं दी जाएगी। और न ही हरिद्वार महाकुंभ में ऐसे किसी फर्जी अखाड़े को प्रवेश नहीं करने दिया जाएगा। महंत ने सरकार से अपील करते हुए कहा कि मान्यता प्राप्त 13 अखाड़ों के अलावा और किसी को सुविधाएं न दी जाएं। वर्ष 2016 में उज्जैन में हुए सिंहस्थ कुंभ के दौरान त्रिकाल भवंता ने परी अखाड़े का गठन किया और खुद को उसका महामंडलेश्वर घोषित कर दिया। हालांकि, तब भी अखाड़ा परिषद ने परी अखाड़े को मान्यता नहीं दी थी।