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रोहित ने जानकारी देते हुए बताया कि एक निजी सुरक्षा एजेंसी को इतनी धनराशि देने के बाद भी सुरक्षा के बीच में पुलिस प्रशासन को 1,22,814 रुपए अलग से दिए जाते हैं। रोहित के अनुसार आरटीआई से मिली जानकारी के हवाले से बताया गया है कि चीफ प्रॉक्टर की सुरक्षा पर 2017 से मई 2018 तक 2,45,971 खर्च किए गए हैं। वहीं कुलपति प्रोफेसर रतनलाल हंगलू को पुलिस प्रशासन द्वारा दी गई सुरक्षा के बदले 2016- 17 में 36,888 2017 -18 में 32,262 और मई 2018 में 53,664 का भुगतान किया गया है।
रोहित के द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक़
प्रो हंगलू के कार्यकाल में विश्वविद्यालय की सुरक्षा में मनमाने तरीक़े से बेतहाशा वृद्धि करते हुए 8करोड़40लाख रुपये प्रतिवर्ष ख़र्च किए जा रहे।निजी सुरक्षा एजेन्सी को इतना धन देने के बाद भी कुलपति द्वारा पुलिस प्रशासन को 1,22,814 रुपये अलग से दिए गए। कुलनुशासक की सुरक्षा में रुपये 2,45,917 का अतिरिक्त और ग़ैरकानूनी भुगतान पुलिस प्रशासन को किया गया।यह सारा ख़र्च विश्वविद्यालय छात्रों के लिए होने वाले पैसे का दुरुपयोग किया जा रहा है इसमें उल्लेखनीय यह है कि पूर्व के कुलपति और कुलनुशासक की सुरक्षा हेतु पुलिस प्रशासन को एक भी रुपए का भुगतान नहीं किया गया। कलानुशासक राम सेवक दूबे द्वारा चाय नाश्ते में कुल 82,883 रुपये का व्यय किया जबकि पूर्व कुलनुशासक द्वारा यह ख़र्च मात्र 10000 रुपए रहा। कुलपति हंगलू द्वारा 2016-18 तक यात्रा भत्ता में 2,58,140 रुपये का भुगतान किया गया जबकि पूर्व कुलपति द्वारा यह ख़र्च मात्र 17,592 रुपये रहा। कुलसचिव एन के शुक्ला द्वारा यात्रा भत्ता में 3,29,138 रुपये का भुगतान किया गया जबकि पूर्व में यह 2013-14में 29,903 रुपये,2014-15 में 1,64,889 रुपये,2015-16 में 74,898 रुपये रहा । वित्तअधिकारी के रूप में प्रो शुक्ला ने यात्रा भत्ता में 1,63,299 रुपये का व्यय किया गया जो पूर्व वित्त अधिकारियों द्वारा 2014-15 में 81,333 Rs ,2015-16 में 30,445 Rs ,2016-17 में 59,450 और 2017-18में 29,352 रहा| कुलपति हंगलू कार्यकाल में विश्वविद्यालय पर 408 मुक़दमे कराए गए जो अब बढ़कर 500 पार हो गए हैं जिसमें एक भी मुक़दमा विश्वविद्यालय जीता नहीं।
सीबीआई जाँच की मांग
रोहित ने कहा की छात्र संघ समय- समय पर कुलपति के इन भ्रष्टाचारो और अनियमित्ताओ को उजागर करता रहा है।जिस कारण यह छात्र संघ आज कुलपति के निशाने पर है और उसे समाप्त करने का निर्णय लिया है जो दुर्भाग्यपूर्ण है विद्यार्थी परिषद छात्रसंघ बहाल होने और कुलपति के इस भ्रष्टाचार और अनियमित्ताओ की सीबीआई से जाँच होने तक संघर्ष प्रयागराज से दिल्ली तक करने को तैयार है।