13 अगस्त 1996 की शाम सिविल लाइंस इलाके में काफी हाउस के पास सपा विधायक जवाहर यादव की गाड़ी पर एके 47 से गोली मारकर हत्या कर दी गई थी । इस मामले में विधायक जवाहर यादव के भाई सुलाकी यादव ने सिविल लाइंस थाने में मुकदमा दर्ज कराया था।इस मामले में पूर्व बसपा सांसद कपिल मुनि करवरिया, पूर्व भाजपा विधायक उदयभान करवरिया पूर्व एमएलसी सूरज भान करवरिया और रामचंद्र उर्फ कल्लू महाराज को अभियुक्त बनाया गया था। इस मामले में23 साल दो महीने 18 दिन बाद आज फैसला आने का अनुमान है।
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1996 में हुई हत्या के बाद कई सालों तक मामला ठंडे बस्ते में पड़ा रहा । लेकिन 2014 में मामले की सुनवाई शुरू हुई और करवरिया बंधुओं को जेल जाना पड़ा। इस मामले में बीते पांच सालों से करवरिया बंधू जेल में बंद है। मुकदमे में अभियोजन की ओर से कुल 18 गवाह और बचाव की ओर से 156 गवाह पेश किए गए है। 2014 से लगातार चल रही इस सुनावाई में अभियोजन और वादी पक्ष की बहस समाप्त होने के बाद बचाव पक्ष की बहस भी समाप्त हो गई है । जिसके बाद आज कोर्ट में फैसला सुनाया जायेगा। बता दें की जवाहर पंडित की हत्या में पहली बार जिलें में एके 47 का प्रयोग हुआ था। फैसले को लेकर पुलिस प्रशासन भी अलर्ट है कचहरी की सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है।