प्रतापगढ़ सीट पर है चतुष्कोणीय मुकाबला
प्रतापगढ़ लोकसभा सीट पर इस बार चतुष्कोणीय मुकाबला देखने को मिल रहा है । जनसत्ता दल लोकतांत्रिक के प्रत्याशी अक्षय प्रताप सिंह की टक्कर कांग्रेस प्रत्याशी राजकुमारी रत्ना सिंह, भाजपा प्रत्याशी संगमलाल गुप्ता और महागठबंधन के प्रत्याशी अशोक त्रिपाठी से है । अक्षय प्रताप सिंह राजा भैया के चचेरे भाई हैं। प्रतापगढ़ संसदीय सीट पर राजा भैया के भदरी व राजकुमारी रत्ना सिंह के कलाकांकर रियासत के बीच पहले भी चुनावी मुकाबला हो चुका है। वर्ष 2004 में सपा के सहयोग से राजा भैया के चचेरे भाई अक्षय प्रताप सिंह ने राजकुमारी रत्ना के खिलाफ चुनाव लड़ा था। राजा भैया का अपना जनाधार व सपा के समर्थन के चलते अक्षय प्रताप सिंह ने राजकुमारी रत्ना को शिकस्त देकर पहली बार सांसद बने थे। इसके बाद वर्ष 2009 में हुए संसदीय चुनाव में कहानी बदल गयी थी। कांग्रेस से ही चुनाव लड़ी राजकुमारी रत्ना सिंह ने अक्षय प्रताप सिंह को हरा कर अपना बदला लिया था। इस चुनाव में राजकुमारी रत्ना सिंह को 1,67,137 व अक्षय प्रताप सिंह को 1,21,252 वोट मिले थे। वर्ष 2014में भी अक्षय प्रताप सिंह इस सीट पर चुनाव नहीं लड़े थे जबकि राजकुमारी रत्ना सिंह को कांग्रेस से ही टिकट मिला था। इस चुनाव में बीजेपी की सहयोगी अपना दल के कुंवर हरिवंश सिंह ने चुनाव जीता था।
प्रतापगढ़ लोकसभा सीट पर इस बार चतुष्कोणीय मुकाबला देखने को मिल रहा है । जनसत्ता दल लोकतांत्रिक के प्रत्याशी अक्षय प्रताप सिंह की टक्कर कांग्रेस प्रत्याशी राजकुमारी रत्ना सिंह, भाजपा प्रत्याशी संगमलाल गुप्ता और महागठबंधन के प्रत्याशी अशोक त्रिपाठी से है । अक्षय प्रताप सिंह राजा भैया के चचेरे भाई हैं। प्रतापगढ़ संसदीय सीट पर राजा भैया के भदरी व राजकुमारी रत्ना सिंह के कलाकांकर रियासत के बीच पहले भी चुनावी मुकाबला हो चुका है। वर्ष 2004 में सपा के सहयोग से राजा भैया के चचेरे भाई अक्षय प्रताप सिंह ने राजकुमारी रत्ना के खिलाफ चुनाव लड़ा था। राजा भैया का अपना जनाधार व सपा के समर्थन के चलते अक्षय प्रताप सिंह ने राजकुमारी रत्ना को शिकस्त देकर पहली बार सांसद बने थे। इसके बाद वर्ष 2009 में हुए संसदीय चुनाव में कहानी बदल गयी थी। कांग्रेस से ही चुनाव लड़ी राजकुमारी रत्ना सिंह ने अक्षय प्रताप सिंह को हरा कर अपना बदला लिया था। इस चुनाव में राजकुमारी रत्ना सिंह को 1,67,137 व अक्षय प्रताप सिंह को 1,21,252 वोट मिले थे। वर्ष 2014में भी अक्षय प्रताप सिंह इस सीट पर चुनाव नहीं लड़े थे जबकि राजकुमारी रत्ना सिंह को कांग्रेस से ही टिकट मिला था। इस चुनाव में बीजेपी की सहयोगी अपना दल के कुंवर हरिवंश सिंह ने चुनाव जीता था।
BY-Sunil Somvansi