ऐसे पहुंच सकते हैं यहां
गौतमेश्वर तीर्थ प्रतापगढ़ जिला मुख्यालय से करीब 25 किमी दूर अरनोद उपखंड के निकट है। रेल मार्ग नहीं होने से यहां बस या निजी वाहनों से ही पहुंचा जा सकता है। पक्की डामर की सड़क बनी हुई है।
ये है खास
मान्यता है कि यह स्थान शृंग ऋषि की तपोस्थली रहा है और इसे आदिवासियों के हरिद्वार के रूप में जाना जाता है।
आदिवासियों का हरिद्वार
गौतमेश्वर महादेव ऋषियों की तपोभूमि और पाप निवारण का प्रमुख स्थल होने के साथ ही प्रकृति के समीप भी है और आदिवासियों के हरिद्वार के रुप में भी जाना जाता है। गौतमेश्वर महादेव तीर्थ सदियों पुराना है। मई माह में करीब 8 दिन का गौतमेश्वर मेला लगता है। उस समय बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं। गौतमेश्वर महादेव के मन्दिर के ऊपर से झरना बहता है। बारिश के मौसम में यहां चारों ओर हरियाली की चादर बिछ जाती है और झरने चलते हैं।