गौरतलब है कि जिले में औसत बारिश 982 एमएम मानी गई है। इसके मुकाबले बुधवार तक 966 एमएम बारिश हो चुकी है जो औसत की 99 प्रतिशत हो गई है। इसके साथ ही जलाशयों में पानी वेग से बह रहा है। वहीं अधिकांश बांध लबालब हो चुके हैं। इन बांधों पर भी चादर चल रही है।
मुख्यालय पर सबसे अधिक, दलोट में सबसे कम बारिश
आंकड़े के अनुसार, इस वर्ष जिले में सबसे अधिक बारिश जिला मुख्यालय पर 1294 एमएम दर्ज की गई है। जबकि दूसरे स्थान पर पीपलखूंट है। यहां पर 1238 एमएम बारिश हो चुकी है। वहीं अरनोद में 1049, छोटीसादड़ी में 896, धरियावद में 784, सुहागपुरा में 869 और दलोट में 634 एमएम बारिश रिकॉर्ड की गई है। ऐसे में दलोट में जिले में सबसे कम बारिश हुई है। अरनोद क्षेत्र में गत दिनों से बारिश का दौर लगातार जारी है। वहीं इन दिनों हो रही बारिश से जहां नदी-नालों में पानी वेग से बह रहा है। वहीं दूसरी ओर लगातार बारिश से खेतों में पानी भरा हुआ है। खेतों में पानी भरा होने से फसलें खराब होने लगी हैं। इससे किसानों की चिंता बढ़ती जा रही है।
दिनभर उमस के बाद शाम को बारिश
प्रतापगढ़ जिले में बुधवार को सुबह से मौसम खुला रहा। हालांकि आसमान में बादलों की आवाजाही लगी रही। इसके साथ ही दोपहर तक उमस बनी रही। इससे लोग परेशान रहे। वहीं तीन बजे से आसमान में काले बादल छाने लगे जो कुछ ही देर में बारिश में बदल गए। करीब 15 मिनट तक तेज बारिश हुई। इससे सडक़ों पर पानी बहने लगा। वहीं बाद में फुहारों का दौर शाम तक चलता रहा।माही नदी की पुलिया से बहा पानी
जिले के मूंगाणा उप तहसील क्षेत्र के विभिन्न गांव में गत दिनों से मध्यम तेज बारिश हो रही है। इस बरसात से क्षेत्र की नदी-नालों जलाशयों पानी आने से ओवरफ्लो हो गए हैं। आवश्यकता से अधिक बारिश होने से संभाग का सबसे बड़ा माही बजाज सागर बांध मे पानी की लगातार आवक को देखते हुए गत रात्रि 8 गेट 2-2 फीट खोल दिए गए। समीपवर्ती माही नदी पुल के ऊपर बहने लगी जिससे मूंगाणा से घाटोल, बांसवाड़ा, दाहोद, रतलाम, प्रतापपुर आदि शहरों का आवागमन कट गया। पानी पुल पर होने से इस मार्ग पर आवागमन रात भर बंद रहा। बुधवार सुबह 8 बजे पानी उतरा तो आवागमन सुचारू रूप से शुरू हुआ।