प्रतापगढ़ के लक्ष्मीपुरा गांव में करीब 100 बीघा में गेंदे के फूलों की खेती की जा रही है। यहां के वाशिंदे विभिन्न प्रजातियों के फूलों का चयन कर बुवाई करते हैं। फूलों की खेती करने की परंपरा उदयलाल बावरी के परिवार से शुरू हुई थी। गेंदे के फूलों की खेती करने की प्रेरणा जावद निवासी उदयलाल बावरी की भतीजी से मिली थी।
किसान दिन-प्रतिदिन हो रहे मालामाल
इस खेती में अच्छा लाभ मिलने के बाद लक्ष्मीपुरा गांव के किसान मालामाल हो रहे हैं। अन्य किसानों ने भी फूलों की खेती करना शुरू कर दिया। किसानों का मानना है कि इस खेती में लागत कम और मुनाफा ज्यादा होता है। फूलों की बुवाई जुलाई माह में की जाती है और पहले बीजों से पौधे तैयार करने में एक महीना लगता है। इन फूलों का जीवन चक्र मात्र चार माह का होता है और दो माह बाद फूल लगने भी शुरू हो जाते हैं। एक फूल का वजन 30 से 60 ग्राम तक आता है और शुरुआत में एक बीघे के खेत से प्रतिदिन 40 से 60 किलो फूल निकलते हैं।