छोटीसादड़ी. जिले में स्वास्थ्य विभाग की ओर से चलाए जा रहे राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम से अब बच्चों में समय पर बीमारी पकड़ में आने लगी है। ऐसे में बच्चों में समय से पूरा उपचार भी मिलने लगा है।
जिले में इसके तहत गत वर्षसे जिले के प्रत्येक ब्लॉक में दो-दो टीमें गठित की गई है। जो अपने क्षेत्र में सरकारी संस्थानों में बालकों की स्क्रीनिंग कर रही है। इन संस्थाओं में चिह्नित किए गए बालकों को उपचार मुहैया कराया जा रहा है। विभाग की ओर से गत वर्ष जिले में दो हजार 722 संस्थानों में एक लाख 43 हजार 906 बच्चों की स्क्रीनिंग की गई। इनमें से 10 हजार 438 बच्चों को चिकित्सा संस्थाओं में रैफर किया गया। जहां 6 हजार 88 बच्चों का उपचार किया गया है।
13 बच्चों के जटिल ऑपरेशन
कार्यक्रम के तहत गत वर्ष जिले के 13 बच्चों के जटिल ऑपरेशन किए गए। कार्यक्रम के अतिरिक्त नोडल अधिकारी डॉ. चन्द्रपाल महावर ने बताया कि तीन बच्चों में ह्दय के ऑपरेशन किए गए। दो के कान, दो मोतियाबिंद, चार कटे होंट और तालू, दो हर्निया के ऑपरेशन कराकर स्वस्थ्य किय गया।जबकि वर्ष 2016-17 में 27 बच्चों के जटि ऑपरेशन किए गए थे।
38 प्रकार की जांच
कार्यक्रम के तहत आंगनबाड़ी, सरकारी स्कूल, मदरसों में जन्म से 18 वर्ष तक के बच्चों में 38 प्रकार की जांचें की जाती है। इनमें से बीमारी से ग्रसित पाए जाने पर सरकारी चिकित्सा संस्थानों के लिए रैफर किया जाता है। जहां उचित उपचार किया जाता है। इसके तहत पीएचसी, इसके बाद सीएचसी, जिला चिकित्सालय में उपचार किया जाता है। आवश्यकता होने पर मेडिकल कॉलेज और अनुबंधित उच्च संस्थानों में रैफर किया जाता है।
वर्ष 2017-18 की स्थिति
प्रतापगढ़ जिले में 1709 आंगनबाड़ी, 1210 सरकारी विद्यालय, 27 मदरसें संचालित है। कार्यक्रम के तहत गत वर्ष 1682 आंगनबाड़ी, एक हजार 26 विद्यालयों और 14 मदरसों में बच्चों की स्क्रीनिंग की गई।
जिले में इसके तहत गत वर्षसे जिले के प्रत्येक ब्लॉक में दो-दो टीमें गठित की गई है। जो अपने क्षेत्र में सरकारी संस्थानों में बालकों की स्क्रीनिंग कर रही है। इन संस्थाओं में चिह्नित किए गए बालकों को उपचार मुहैया कराया जा रहा है। विभाग की ओर से गत वर्ष जिले में दो हजार 722 संस्थानों में एक लाख 43 हजार 906 बच्चों की स्क्रीनिंग की गई। इनमें से 10 हजार 438 बच्चों को चिकित्सा संस्थाओं में रैफर किया गया। जहां 6 हजार 88 बच्चों का उपचार किया गया है।
13 बच्चों के जटिल ऑपरेशन
कार्यक्रम के तहत गत वर्ष जिले के 13 बच्चों के जटिल ऑपरेशन किए गए। कार्यक्रम के अतिरिक्त नोडल अधिकारी डॉ. चन्द्रपाल महावर ने बताया कि तीन बच्चों में ह्दय के ऑपरेशन किए गए। दो के कान, दो मोतियाबिंद, चार कटे होंट और तालू, दो हर्निया के ऑपरेशन कराकर स्वस्थ्य किय गया।जबकि वर्ष 2016-17 में 27 बच्चों के जटि ऑपरेशन किए गए थे।
38 प्रकार की जांच
कार्यक्रम के तहत आंगनबाड़ी, सरकारी स्कूल, मदरसों में जन्म से 18 वर्ष तक के बच्चों में 38 प्रकार की जांचें की जाती है। इनमें से बीमारी से ग्रसित पाए जाने पर सरकारी चिकित्सा संस्थानों के लिए रैफर किया जाता है। जहां उचित उपचार किया जाता है। इसके तहत पीएचसी, इसके बाद सीएचसी, जिला चिकित्सालय में उपचार किया जाता है। आवश्यकता होने पर मेडिकल कॉलेज और अनुबंधित उच्च संस्थानों में रैफर किया जाता है।
वर्ष 2017-18 की स्थिति
प्रतापगढ़ जिले में 1709 आंगनबाड़ी, 1210 सरकारी विद्यालय, 27 मदरसें संचालित है। कार्यक्रम के तहत गत वर्ष 1682 आंगनबाड़ी, एक हजार 26 विद्यालयों और 14 मदरसों में बच्चों की स्क्रीनिंग की गई।
यह है योजना
बच्चों में कई बाीमारियों होने पर भी ध्यान नहीं दिया जाता है।ऐसे में राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम को प्रतापगढ़ जिले में जून 2016 से शुरू किया गया। इसके तहत जन्म से 18 वर्षतक के छात्रों का किसी भी शारीरिक विकार, बीमारी, कमी अथवा विकलांगता की परेशानी को निजात कराने में इसका उद्देश्य है।
बच्चों में कई बाीमारियों होने पर भी ध्यान नहीं दिया जाता है।ऐसे में राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम को प्रतापगढ़ जिले में जून 2016 से शुरू किया गया। इसके तहत जन्म से 18 वर्षतक के छात्रों का किसी भी शारीरिक विकार, बीमारी, कमी अथवा विकलांगता की परेशानी को निजात कराने में इसका उद्देश्य है।
जिले में मिल रहा लाभ
&राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत जिले में इस वर्ष से सभी ब्लॉक पर दो-दो टीमें कार्यरत है। इससे बच्चों की जांच कर उपचार कराया जा रहा है।इससे बच्चों को अच्छा लाभ मिल रहा है।गत वर्ष बचे हुए सरकारी संस्थानों के बच्चों की स्क्रीनिंग इस वर्ष की जाएगी। इसके लिए टीम प्रभरियों को निर्देश दिए गए है।
डॉ. दिनेश खराड़ी, सीएमएचओ, प्रतापगढ़
&राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत जिले में इस वर्ष से सभी ब्लॉक पर दो-दो टीमें कार्यरत है। इससे बच्चों की जांच कर उपचार कराया जा रहा है।इससे बच्चों को अच्छा लाभ मिल रहा है।गत वर्ष बचे हुए सरकारी संस्थानों के बच्चों की स्क्रीनिंग इस वर्ष की जाएगी। इसके लिए टीम प्रभरियों को निर्देश दिए गए है।
डॉ. दिनेश खराड़ी, सीएमएचओ, प्रतापगढ़