गुर्जर समाज द्वारा आयोजित इस कुश्ती में बाहुबली और श्रीदेव नामक पाड़ो के बीच रोमांचक मुकाबला हुआ, जिसमें श्रीदेव ने जीत हासिल की। आयोजन से पूर्व परंपरागत वेशभूषा में सजे पाड़ों का नगर में ढोल-नगाड़ों के साथ भव्य जुलूस निकाला गया, जिसमें लोगों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया।
लोगों का उत्साह चरम पर था, ओवर ब्रिज पर खड़े होकर बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक सभी ने इस आयोजन का आनंद लिया। विजेता पाड़े श्रीदेव का नगर में सम्मानपूर्वक जुलूस निकाला गया, जिसमें ढोल-नगाड़ों की धुन पर जश्न मनाया गया।
आयोजन में प्रमुख रूप से फतेह लाल गुर्जर, नागेश गुर्जर, रमेश गुर्जर, शंभु गुर्जर, महेश गुर्जर, अशोक गुर्जर, शुभम, किशन, राजमल, दयाल गायरी, विक्रम गायरी, प्रवीण शर्मा, शौकीन मालवीय सहित बड़ी संख्या में लोग उपस्थित रहे। यह आयोजन न केवल ग्रामीण संस्कृति को जीवित रखने का प्रयास है बल्कि लोगों के बीच उत्साह और एकता का प्रतीक भी बन गया है।