हिंदुस्तान एंबेसडर ( Hindustan Ambassador ) उस दौर में एंबेसडर कार को अधिकतर बड़े नेता और अमीर लोग ही चलाया करते थे और इसे खरीदना और रखना बहुत बड़ी बात हुआ करती थी। इस कार की शुरुआत 1958 में हुई थी और कंपनी ने एंबेसडर का प्रोडक्शन 1958 से लेकर 2014 तक किया था। एंबेसडर वो कार थी, जिसका निर्माण सबसे पहले भारत में किया गया था। हिंदुस्तान मोटर्स ने बाजार में सबसे पहले मार्क I फर्स्ट जनरेशन का प्रोडक्शन शुरू किया था, जिसे 1957 से 1962 तक बनाया गया था। उसके बाद मार्क II को 1962 से 1975 तक बनाया गया। उसके बाद मार्क III को 1975 में बनाया गया। उसके बाद मार्क IV को 1979 से 1990 तक बाजार में बेचा गया। उसके बाद एंबेसडर नोवा को 1990 से 1999 बनाया गया।
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इंजन और पावर की बात की जाए तो इस कार में 796 सीसी का 2 सिलेंडर वाला इंजन दिया गया था जो कि 37 बीएचपी की पावर और 59 एनएम का टार्क जनरेट करता है। इस कार में 4 स्पीड गियरबॉक्स दिया गया है। ये कार 144 किमी अधिकतम रफ्तार से दौड़ सकती थी और उस दौर की शानदार कार हुआ करती थी।
इंजन और पावर की बात की जाए तो इस कार में 796 सीसी का 2 सिलेंडर वाला इंजन दिया गया था जो कि 37 बीएचपी की पावर और 59 एनएम का टार्क जनरेट करता है। इस कार में 4 स्पीड गियरबॉक्स दिया गया है। ये कार 144 किमी अधिकतम रफ्तार से दौड़ सकती थी और उस दौर की शानदार कार हुआ करती थी।
इन कारों के अलावा भी इंदिरा गांधी के पास कई विंटेज कारें मौजूद थी, जिनमें वो अक्सर आजादी से पहले और आजादी के बाद नजर आई हैं।