फैक्ट चेक (Fact Check) में अखिलेश के दावे का सच आया सामने! अखिलेश यादव ने रविवार को मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि जब वो मुख्यमंत्री थे तब वाराणसी में काशी विश्वनाथ कॉरिडोर (Kashi Vishwanath Corridor) की शुरुआत हुई थी। उन्होंने ये भी कहा कि उनके कैबिनेट ने इस प्रस्ताव को मंजूरी भी दी थी। अखिलेश यादव ने अपने दावों को लेकर आवश्यकता पड़ने पर सबूत भी पेश करने की बात कही है।
अखिलेश के इस दावे पर योगी सरकार ने भी पलटवार किया। यूपी सरकार ने #InfoUPFactCheck के जरिए सोशल मीडिया पर अखिलेश यादव के दावे को पूर्णतः गलत बताया है। ट्विटर पर #InfoUPFactCheck ने लिखा,
“श्री काशी विश्वनाथ धाम के विकास को लेकर 2012 से 2017 के दौरान कैबिनेट में कोई चर्चा नहीं की गई। पूर्व की सपा सरकार के दौरान श्री काशी विश्वनाथ कॉरिडोर को लेकर प्रस्ताव पास होने का दावा पूर्णतः गलत है।
कृपया भ्रामक सूचनाएं सोशल मीडिया पर प्रसारित करने से बचें।” इस ट्वीट के साथ ही फोटो भी शेयर की गई है जिसमें समाजवादी पार्टी के उस ट्वीट को फैक करार दिया गया है।
क्या कहा अखिलेश यादव ने ? वाराणसी के काशी विश्वनाथ कॉरिडोर को लेकर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने अपने ट्विटर अकाउंट पर एक ट्वीट भी किया था। इस ट्वीट में उन्होंने लिखा,
“काशी विश्वनाथ कॉरिडोर की क्रोनोलॉजी:
– सपा सरकार में करोड़ों का आवंटन हुआ
– सपा सरकार में कॉरिडोर हेतु भवनों का अधिग्रहण शुरू हुआ
– मंदिरकर्मियों के लिए मानदेय तय किया गया ‘पैदलजीवी’ बताएं कि सपा सरकार के वरुणा नदी के स्वच्छता अभियान को क्यों रोका और मेट्रो का क्या हुआ।”
इस ट्वीट को लेकर सोशल मीडिया पर अखिलेश यादव को काफी ट्रोल भी किया गया है। हालांकि, कुछ लोगों ने अखिलेश का समर्थन भी किया है। एक विजय पटेल नामक यूजर ने अखिलेश के ट्वीट पर लिखा,
“सर, वो स्टेच्यू ऑफ यूनिटी वाला भी बता दीजिए! कैसे आपने छुपके से गुजरात आकर पूरा प्लान बनाया था और आपने करोड़ो का आवंटन भी कैसे किया था!” एक अन्य यूजर ने लिखा,
“बहुत कम लोग जानते होंगे की …
चाँद पर जाने वाला पहला इंसान समाजवादी पार्टी से था…!!!” एक तरफ अखिलेश यादव Kashi Vishwanath Corridor को लेकर सबूत तक पेश करने की बात कर रहे, दूसरी तरफ योगी सरकार ने इसे झूठ करार दिया है। ऐसे में अखिलेश यादव अपने दावों को और मजबूत करने के लिए सबूत पेश करते हैं या नहीं देखना दिलचस्प होगा।