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योगी सरकार के बुलडोजर मॉडल को दूसरे राज्यों ने क्यों अपनाया?

उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ सरकार की ओर से उपद्रवियों की संपत्तियों पर बुलडोजर चलवाने के मॉडल को अब तक आधे दर्जन राज्यों ने अपनाया है। आखिर क्या है, इसके पीछे की वजह? बीजेपी शासित दूसरे राज्यों को क्यों भाने लगा बुलडोजर मॉडल?

Apr 21, 2022 / 08:09 pm

Navneet Mishra

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Uttar Pradesh Bulldozer Action by Which Law and Order

नई दिल्ली। जब दिल्ली, राजस्थान सहित चार राज्यों में बीते दिनों रामनवमी के दिन हिंसक घटनाएं हुईं, तब देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में 800 से अधिक स्थानों पर शांति से जुलूस निकले। न कहीं पत्थर चले और न ही हिंसा हुई। इसे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के उस बुलडोजर मॉडल की सफलता से जोड़कर देखा गया। यूपी में बुलडोजर मॉडल से अपराधियों और उपद्रवियों में भय पैदा होने से अप्रिय घटनाओं में आई कमी को देखते हुए देश के दूसरे राज्य भी इसे अपनाने लगे हैं। बुलडोजर मॉडल ने कई राज्यों के बाद बुधवार को राजधानी दिल्ली के जहांगीरपुरी में भी दस्तक दी। वही जहांगीरपुरी जहां, हनुमान जयंती शोभायात्रा पर पथराव के बाद सांप्रदायिक तनाव पैदा हुआ। यह दीगर है कि सुप्रीम कोर्ट के दखल के बाद जहांगीरपुरी में अतिक्रमणरोधी अभियान को रोकना पड़ा। उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में बुलडोजर इस कदर चला कि मुख्यमंत्री योगी को अखिलेश यादव ने बुलडोजर बाबा तो मध्य प्रदेश के विधायक रामेश्वर शर्मा ने शिवराज सिंह चौहान को बुलडोजर मामा नामकरण कर दिया।
आधे दर्जन राज्यों में बुलडोजर की गूंज
उत्तर प्रदेश में उपद्रवियों और जमीनों पर कब्जा करने वालों के खिलाफ चले बुलडोजर की गूंज अब देश के दूसरे राज्यों को रास आने लगा है। अब तक 6 राज्यों में बुलडोजर मॉडल दिखा है। इस अभियान में भाजपा शासित दिल्ली नगर निगम भी शामिल हो गया। दिल्ली नगर निगम की ओर से जहांगीरपुरी हिंसा की घटना के बाद बुधवार को सड़कों पर बुलडोजर चलवार अतिक्रमण ध्वस्त किया गया। उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, गुजरात, उत्तराखंड, बिहार और दिल्ली में अब तक बुलडोजर से उपद्रवियों और अतिक्रमणकारियों के खिलाफ अभियान चला है।

बुलडोजर चलने की चर्चित घटनाएं
उत्तर प्रदेश में योगी सरकार ने जुलाई 2020 में कानपुर के बिकरू कांड में आठ पुलिसकर्मियों की हत्या कर फरार अपराधी विकास दुबे की कोठी पर जब बुलडोजर चलवाया तो खूब सुर्खियां मिलीं। इसके बाद योगी सरकार का बुलडोजर रफ्तार पकड़ता गया। माफिया मुख्तार और अतीक के साथ उनके करीबियों के सैंकड़ों करोड़ के काले साम्राज्य पर बुलडोजर चलवाकर योगी सरकार ने तबाह कर दिया। विधान परिषद में योगी सरकार के जवाब के मुताबिक, अब तक 67 हजार एकड़ से ज्यादा की जमीन को खाली कराया गया है।
बुलडोजर मॉडल के इस्तेमाल में मध्य प्रदेश में शिवराज सरकार दूसरे स्थान पर रही। बीते 10 अप्रैल को राम नवमी के दिन खरगौन में शोभायात्रा पर पथराव और हिंसा करने के आरोपियों के घर शिवराज सरकार ने बुलडोजर भेज ढहवा दिए। इससे पहले श्योपुर जिले में नाबालिग से दुष्कर्म के आरोपियों के भी घर गिराए गए। रामनवमी के दिन गुजरात के खंभात में भी हिंसक वारदात हुई तो वहां की भूपेंद्र पटेल सरकार ने भी बुलडोजर मॉडल अपनाया। हिंसा के बाद प्रशासन ने अवैध दुकानों, घरों और सड़क किनारे झुग्गियों को हटवाने की कार्रवाई की। उत्तराखंड के डाडा जलालपुर में हनुमान जयंती पर उपद्रव करने वालों के घर पुलिस बुलडोजर लेकर पहुंची तो उन्हे सरेंडर करने के लिए मजबूर होना पड़ा। पुष्कर धामी सरकार ने सितारगंज में जेसीबी चलवाकर अवैध निर्माण हटवाया। बुलडोजर चलवाने में नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार की एनडीए सरकार भी पीछे नहीं रही। बिहार के छपरा में भी बुलडोजर मॉडल देखने को मिला। 25 मार्च 2021 को बालू कारोबारी सोनू राय की हत्या के बाद प्रशासन ने कुर्की के साथ बुलडोजर की कार्रवाई की।

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