हमला बोला है। दंगा भड़काने की साजिश मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि श्रीराम जन्मभूमि पर सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक फैसले को लेकर पूरा देश खुश था। उस समय भी कुछ तत्व राज्य में दंगे की साजिश कर रहे थे। उसके बाद जब प्रदेश अपने कामगार, श्रमिकों, समाज के विकास को कोरोना संकट का सामना करते हुए आगे बढ़ रहा था तब यूपी में जाति और सांप्रदायिक दंगा भड़काने की साजिश रची जाती है।
दबे-कुचलों के लिए आवाज नहीं उठाता विपक्ष यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि ये वही लोग हैं जो पूर्वी यूपी में चीनी मिलों को बंद कर देते हैं। ये वही हैं जिनके शासनकाल में पूर्वी यूपी में इंसेफेलाइटिस से 50 हजार से ज्यादा बच्चों की मौत हुई थी। उस समय इन लोगों ने एक बार भी इसके खिलाफ आवाज नहीं उठाई। ऐसा इसलिए कि इंसेफेलाइटिस से मरने वाला बच्चा गरीब, दलित, अल्पसंख्यक समुदाय का था।
Bihar Election : बीजेपी नेतृत्व ने जारी की चेतावनी, बागी नेता नाम वापस लें, वरना निष्कासन तय गरीब की जाति नहीं होती सीएम ने कहा कि गरीब की जाति नहीं होती, लेकिन, सपा, बसपा या कांग्रेस समेत किसी अन्य दलों के नेताओं ने इंसेफेलाइटिस से मरने वालों के प्रति सहानुभूति नहीं दिखाई थी।
दंगा भड़काने के लिए हुई फंडिंग योगी आदित्यनाथ ने कहा कि इससे पहले हाथरस कांड के बहाने भी यूपी में जातीय दंगा भड़काने की साजिश की थी। उन्होंने कहा कि दंगा भड़काने के लिए विदेश से फंडिंग भी हुई थी।
नड्डा को लिखी चिराग की चिट्ठी फिर चर्चा में, नीतीश पर लगाया राम विलास पासवान के अपमान का आरोप 4 गिरफ्तार बता दें कि हाथरस मामले में भी दंगा भड़काने की साजिश का खुलासा हुआ था। यूपी पुलिस ने 4 लोगों को इस मामले में गिरफ्तार किया है। चारों लोग पत्रकार बनकर हाथरस के बहाने प्रदेश में दंगा भड़काने की साजिश करने में लगे थे। इस मामले में पत्रकार बने एक पीएफआई एजेंट अतीकुर्रहमान को भी गिरफ्तार किया गया। गिरफ्तार आरोपी केरल का रहने वाला है। इसके अलावा आलम, मसूद अहमद और सिद्दीकी को भी पुलिस ने गिरफ्तार किया था।