नई दिल्ली। भारत में अमरीका के राजदूत रिचर्ड वर्मा ने कुछ दिनों पहले जेएनयू मामले पर नई दिल्ली और पटना में टिप्पणी की थी कि फ्री स्पीच भारत और अमेरिका का केंद्रीय सिद्धांत है। इस बात पर जवाब देते हुए केंद्रीय मंत्री वेंकैया नायडू ने अमरीकी राजदूत रिचर्ड वर्मा का नाम लिए बिना पूछा है कि अगर अमरीका की किसी यूनिवर्सिटी में ओसामा बिन लादेन का शहादत दिवस मनाया जाएगा तो वह सहिष्णु रहेगा। उन्होंने कहा कि क्या तब अमरीका अपने फ्री स्पीच को केंद्रीय सिद्धांत मान कर उनलोगों को माफ कर देगा।संसद पर हमले के मामले में दोषी पाए गए अफजल गुरु की डेथ ऐनिवर्सरी पर जेएनयू में देशविरोधी नारे लगाए जाने पर नायडू ने गुरुवार को लोक सभा में कहा कि भारत अपनी यूनिवर्सिटीज में ऐसी गतिविधियां बर्दाश्त नहीं कर सकता और अपने युवाओं को विदेशी विचारधारा और विदेशी ताकतों से प्रभावित तत्वों द्वारा गलत दिशा में ले जाने की इजाजत नहीं दे सकता है।एक अंग्रेजी अखबार में छपी खबर के मुताबिक राष्ट्रपति के अभिभाषण के लिए धन्यवाद प्रस्ताव के दौरान नायडू ने कहा कि क्या वे अमरीका की किसी यूनिवर्सिटी में ओसामा बिन लादेन का शहादत दिवस मना सकते हैं? क्या अमरीका कह सकता है, ओसामा हम शर्मिंदा हैं, तुम्हारे कातिल जिंदा हैं या अमरीका के टुकड़े होगे- इंशाअल्लाह इंशाअल्लाह। अगर कोई ऐसा कहेगा तो क्या अमरीका इसे सहन करेगा?नायडू ने कहा कि अमरीका एक महान देश हो सकता है, सारे संसाधन जिसके अधीन हैं, लेकिन हम भारतीयों का भी आत्मसम्मान है। हम भी अपने देश की एकता, अखंडता, सुरक्षा और संप्रभुता के लिए चिंतित हैं। उन्होंने आगे कहा कि जो देश हमें सीख दे रहे हैं या यह कह रहे हैं कि भारत असहमति को जगह नहीं देता, मैं उन्हें बताना चाहूंगा कि एक बार मैं अपने ओएसडी के साथ अमरीका गया था। मेरे ओएसडी को एक घंटे तक रोका गया। एक घंटे तक पूछताछ चली। मैं कुछ नहीं कर सका, क्यूंकि देश से बाहर था। उस लड़के की दाड़ी थी और यह उनके शक की वजह थी।’ उन्होंने तर्क दिया कि अगर अमरीका सुरक्षा के लिए सावधानी बरत सकता है तो भारत पाकिस्तान समर्थित और अलगाववादी नारे लगाने वालों पर ऐक्शन क्यों नहीं ले सकता है।नायडू ने अफजल के केस में ठीक फैसला नहीं हुआ कहने वाले पूर्व गृह औऱ वित्त मंत्री और कांग्रेसी नेता पी चिंदबरम की भी आलोचना की।नायडू ने पाकिस्तान के एक कोर्ट में सुनाए गए फेसले का जिक्र करते हुए कहा कि विराट कोहली की तारीफ करने वाले नागरिक उमर दराज को पाकिस्तानी कोर्ट ने 24 घंटे के भीतर 10 साल जेल की सजा सुनाई। नायडू ने कहा कि यह तो क्रिकेट का मामला था, अगर कोई पाकिस्तानी भारतीय शहीद की तारीफ करता तो समझ लिया जाय की उसका क्या परिणाम होता।