दरअसल छत्तीसगढ़ के रास्ते लगातार मध्यप्रदेश पहुंचने वाले जंगली हाथियों के द्वारा कई बार उत्पात मचाया जाता है। ऐसे में इसे लेकर बांधवगढ़ नेशनल पार्क में एक बैठक आयोजित की गई। जिस पर वन विभाग के अफसरों ने नेशनल पार्क में बढ़ रहे जंगली हाथियों के उत्पात को किस तरह से नियंत्रित किया जाए, इस पर मंथन किया गया।
हाथियों के लिए कॉरिडोर बनाने की तैयारी कर बैठक में निर्णय लिया गया कि प्रस्ताव शासन को भेजा जाएगा।
माना जा रहा है कि यदि इस प्रस्ताव पर मुहर लग जाती है तो काफी हद तक हाथियों का उत्पात कम हो जाएगा। बैठक में टाईगर रिजर्व बांधवगढ़, शहडोल जिले के अमझोर, जयसिंहनगर वन परिक्षेत्र जनकपुर , ब्यौहारी पश्चिम और सीधी जिले का कुछ एरिया शामिल किया गया है। हाथी कारीडोर प्रोजेक्ट बनाने की तैयारी शुरू हो चुकी है।
20 अप्रैल को बांधवगढ़ टाईगर रिजर्व ताला में हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया है। बैठक में चर्चा और सुझावों के बाद इस बात का निर्णय लिया गया कि क्यों न इस पूरे क्षेत्र को हाथी प्रोजेक्ट कारीडोर घोषित कर दिया जाए। सहमति बनने के पश्चात ही इसे हाथी का कारीडोर बनाने का निर्णय लिया गया।
छत्तीसगढ़ से जनकपुर के रास्ते जयसिंहनगर अमझोर ब्यौहारी के बाद बांधवगढ़ पहुंचे जंगली हाथियों का दल वापस नहीं लौटा और बांधवगढ़ टाईगर रिजर्व में अपना रहवास बना चुके हैं।