कौन है फारूक खान?
2019 में फारूक खान को तत्कालीन उपराज्यपाल सत्य पाल मलिक के सलाहकार के रूप में नियुक्त किया गया था। फारूक खान ने 1984 में जम्मू और कश्मीर में पुलिस उप-निरीक्षक के रूप में अपना करियर शुरू किया था। इसके बाद वो पुलिस महानिरीक्षक बनाए गए थे। उन्हें 1994 में आईपीएस में पदोन्नत किया गया था।
वो तब काफी चर्चा में आए थे जब उन्होंने 1994 में स्वेच्छा से पुलिस के STF का नेतृत्व किया था। उस समय आतंकियों के कारण पुलिस बल का मनोबल काफी कमजोर स्थिति में था तब सेना और बीएसएफ द्वारा सुरक्षा संबंधी अभियान चलाए जा रहे थे। उस समय STF का गठन आतंकवाद के खिलाफ एक क्रैक टीम की तरह कारगर साबित हुआ था।
2019 में फारूक खान को तत्कालीन उपराज्यपाल सत्य पाल मलिक के सलाहकार के रूप में नियुक्त किया गया था। फारूक खान ने 1984 में जम्मू और कश्मीर में पुलिस उप-निरीक्षक के रूप में अपना करियर शुरू किया था। इसके बाद वो पुलिस महानिरीक्षक बनाए गए थे। उन्हें 1994 में आईपीएस में पदोन्नत किया गया था।
वो तब काफी चर्चा में आए थे जब उन्होंने 1994 में स्वेच्छा से पुलिस के STF का नेतृत्व किया था। उस समय आतंकियों के कारण पुलिस बल का मनोबल काफी कमजोर स्थिति में था तब सेना और बीएसएफ द्वारा सुरक्षा संबंधी अभियान चलाए जा रहे थे। उस समय STF का गठन आतंकवाद के खिलाफ एक क्रैक टीम की तरह कारगर साबित हुआ था।
कई अहम पदों पर दे चुके हैं सेवा
जम्मू में पुंछ के रहने वाले फारूक खान जम्मू क्षेत्र के उप महानिरीक्षक थे। उन्होंने वर्ष 2003 में प्रसिद्ध रघुनाथ मंदिर में आतंकवादियों द्वारा की गई घेराबंदी को समाप्त करने के लिए टीमों का नेतृत्व किया था।
भारतीय राजनीतिज्ञ और पूर्व पुलिस अधिकारी फारूक खान ने आईपीएस में रहते हुए अहम जिम्मेदारियां निभाईं हैं। फारूक खान 2013 में पुलिस महानिरीक्षक (IGP) जम्मू और उधमपुर में शेर-ए-कश्मीर पुलिस अकादमी के प्रमुख के रूप में रिटायर हुए थे।
जम्मू में पुंछ के रहने वाले फारूक खान जम्मू क्षेत्र के उप महानिरीक्षक थे। उन्होंने वर्ष 2003 में प्रसिद्ध रघुनाथ मंदिर में आतंकवादियों द्वारा की गई घेराबंदी को समाप्त करने के लिए टीमों का नेतृत्व किया था।
भारतीय राजनीतिज्ञ और पूर्व पुलिस अधिकारी फारूक खान ने आईपीएस में रहते हुए अहम जिम्मेदारियां निभाईं हैं। फारूक खान 2013 में पुलिस महानिरीक्षक (IGP) जम्मू और उधमपुर में शेर-ए-कश्मीर पुलिस अकादमी के प्रमुख के रूप में रिटायर हुए थे।
2019 में बनाए गए थे मलिक के सलाहकार
3 जुलाई 2019 को फारूक खान को तत्कालीन राज्यपाल सत्यपाल मलिक का सलाहकार बनाया गया था, ये वो समय था । मलिक के प्रदेश से जाने के बाद वह उपराज्यपाल गिरीश चंद्र मुर्मू और फिर मनोज सिन्हा के सलाहकार के तौर पर काम कर रहे थे। अब उन्होंने इस पद से इस्तीफा दे दिया है और भाजपा कश्मीर में अपनी स्थिति को मजबूत करने के लिए कोई बड़ी जिम्मेदारी देगी।
बता दें कि फारूक खान पहले भाजपा के राष्ट्रीय सचिव के रूप में कार्य कर चुके हैं। इसके अलावा पार्टी के अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ में विभिन्न पदों पर कार्य कर चुके हैं।
यह भी पढ़े – हम कश्मीर जरूर जाएंगे…फिल्म देखने के बाद जयपुर में कश्मीरी
3 जुलाई 2019 को फारूक खान को तत्कालीन राज्यपाल सत्यपाल मलिक का सलाहकार बनाया गया था, ये वो समय था । मलिक के प्रदेश से जाने के बाद वह उपराज्यपाल गिरीश चंद्र मुर्मू और फिर मनोज सिन्हा के सलाहकार के तौर पर काम कर रहे थे। अब उन्होंने इस पद से इस्तीफा दे दिया है और भाजपा कश्मीर में अपनी स्थिति को मजबूत करने के लिए कोई बड़ी जिम्मेदारी देगी।
बता दें कि फारूक खान पहले भाजपा के राष्ट्रीय सचिव के रूप में कार्य कर चुके हैं। इसके अलावा पार्टी के अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ में विभिन्न पदों पर कार्य कर चुके हैं।
यह भी पढ़े – हम कश्मीर जरूर जाएंगे…फिल्म देखने के बाद जयपुर में कश्मीरी