पंजाब के संगरूर से जुड़ी जड़
भगवंत मान का जन्म 17 अक्टूबर 1973 को भारत में पंजाब के संगरूर जिले के सतोज गांव में हुआ था। यानी मान की जड़ पंजाब से ही जुड़ी हुई है। उन्होंने पंजाब के संगरूर में स्थित एसयूएस कॉलेज से बीकॉम किया है। वाणिज्य के क्षेत्र में ग्रेजुएशन करने के बाद मान नौकरी या बिजनेस से दूर रहे बल्कि कुछ हटकर करना चाहते थे।
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भगवंत मान भले ही इस वक्त पंजाब की राजनीति में एक कद्दावर चेहरा हैं। जिसे आम आदमी पार्टी ने अब बतौर सीएम उम्मीदवार भी घोषित कर दिया है। राजनीति में आने से पहले वे फेमस कॉमेडियन भी रह चुके हैं। मान तमाम कॉमेडी शोज में भी अपने चुटकुलों से करोड़ों दिलों पर राज किया।
भगवंत मान का जन्म 17 अक्टूबर 1973 को भारत में पंजाब के संगरूर जिले के सतोज गांव में हुआ था। यानी मान की जड़ पंजाब से ही जुड़ी हुई है। उन्होंने पंजाब के संगरूर में स्थित एसयूएस कॉलेज से बीकॉम किया है। वाणिज्य के क्षेत्र में ग्रेजुएशन करने के बाद मान नौकरी या बिजनेस से दूर रहे बल्कि कुछ हटकर करना चाहते थे।
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भगवंत मान भले ही इस वक्त पंजाब की राजनीति में एक कद्दावर चेहरा हैं। जिसे आम आदमी पार्टी ने अब बतौर सीएम उम्मीदवार भी घोषित कर दिया है। राजनीति में आने से पहले वे फेमस कॉमेडियन भी रह चुके हैं। मान तमाम कॉमेडी शोज में भी अपने चुटकुलों से करोड़ों दिलों पर राज किया।
जुगनू नाम से बुलाते हैं घर वाले
भगवंत मान कॉमेडी से लेकर राजनीति तक भले ही पंजाब में अपनी पहचान बना चुके हो, लेकिन घर वालों के लिए अब वे एक जुगनू ही हैं। दरअसल मान के घर का नाम जुगनू है। घर वालों का मानना था कि वे उनका ये बच्चा एक जुगनू है जो अपनी अंधेरे में रोशनी की किरण दिखाता है।
भगवंत मान कॉमेडी से लेकर राजनीति तक भले ही पंजाब में अपनी पहचान बना चुके हो, लेकिन घर वालों के लिए अब वे एक जुगनू ही हैं। दरअसल मान के घर का नाम जुगनू है। घर वालों का मानना था कि वे उनका ये बच्चा एक जुगनू है जो अपनी अंधेरे में रोशनी की किरण दिखाता है।
2015 में पत्नी से हुए अलग
भगवंत मान की शादी इंद्रप्रीत कौर से हुई थी हालांकि 2015 में दोनों अलग हो गए। दोनों के दो बच्चे हैं। एक इंटरव्यू में भगवंत मान ने खुद बताया था कि वह राजनीति के चक्कर में अपने परिवार को समय नहीं दे पाते थे। यही वजह रही कि पत्नी से के साथ लगातार विवाद होता गया और वे आपसी सहमति से अलग हो गए।
भगवंत मान की शादी इंद्रप्रीत कौर से हुई थी हालांकि 2015 में दोनों अलग हो गए। दोनों के दो बच्चे हैं। एक इंटरव्यू में भगवंत मान ने खुद बताया था कि वह राजनीति के चक्कर में अपने परिवार को समय नहीं दे पाते थे। यही वजह रही कि पत्नी से के साथ लगातार विवाद होता गया और वे आपसी सहमति से अलग हो गए।
भगवंत मान का राजनीतिक सफर
मान शुरू से ही आम आदमी पार्टी का हिस्सा नहीं रहे हैं। बल्कि राजनीति पारी की शुरुआत उन्होंने मनप्रीत सिंह बादल की पार्टी पंजाब पीपल्स पार्टी से की थी। वह 2012 में लहरा विधानसभा सीट से चुनाव लड़े थे, लेकिन हार गए।
इसके बाद मनप्रीत कांग्रेस में शामिल हो गए और भगवंत मान आम आदमी पार्टी में आ गए। यहां आने के बाद माने पीछे मुड़कर नहीं देखा। 2014 में भगवंत मान आम आदमी पार्टी से जुड़े और संगरूर लोक सभा सीट से आम आदमी पार्टी के टिकट पर चुनावी मैदान में उतरे। यहां वे 2 लाख से ज्यादा वोटों से जीते।
मान शुरू से ही आम आदमी पार्टी का हिस्सा नहीं रहे हैं। बल्कि राजनीति पारी की शुरुआत उन्होंने मनप्रीत सिंह बादल की पार्टी पंजाब पीपल्स पार्टी से की थी। वह 2012 में लहरा विधानसभा सीट से चुनाव लड़े थे, लेकिन हार गए।
इसके बाद मनप्रीत कांग्रेस में शामिल हो गए और भगवंत मान आम आदमी पार्टी में आ गए। यहां आने के बाद माने पीछे मुड़कर नहीं देखा। 2014 में भगवंत मान आम आदमी पार्टी से जुड़े और संगरूर लोक सभा सीट से आम आदमी पार्टी के टिकट पर चुनावी मैदान में उतरे। यहां वे 2 लाख से ज्यादा वोटों से जीते।
2017 के पंजाब विधानसभा चुनाव में भगवंत मान पंजाब के तत्कालीन उपमुख्यमंत्री और शिरोमणि अकाली दल नेता सुखबीर सिंह बादल के खिलाफ जलालाबाद विधानसभा सीट से चुनाव लड़े। हालांकि उन्हें सुखबीर सिंह के खिलाफ हार का सामना करना पड़ा। इसके बाद 2019 में संगरूर सीट से लोकसभा चुनाव लड़ा और एक लाख से ज्यादा वोटों से जीते।
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पंजाब यूनिट के बने मुखिया
वर्ष 2017 में ही आप की पंजाब यूनिट का मुखिया बनाया गया था लेकिन 2018 में ड्रग्स आरोप और मानहानि मामले में आम आदमी पार्टी नेताओं ने बिक्रम सिंह मजीठिया से माफी मांगी। इसके बाद भगवत मान ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था,लेकिन बाद में केजरीवाल के कहने पर फिर पद स्वीकार कर लिया।
पंजाब यूनिट के बने मुखिया
वर्ष 2017 में ही आप की पंजाब यूनिट का मुखिया बनाया गया था लेकिन 2018 में ड्रग्स आरोप और मानहानि मामले में आम आदमी पार्टी नेताओं ने बिक्रम सिंह मजीठिया से माफी मांगी। इसके बाद भगवत मान ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था,लेकिन बाद में केजरीवाल के कहने पर फिर पद स्वीकार कर लिया।