लाल किले से पीएम मोदी के भाषण से ड्रैगन की हालत हुई पतली, अब चीन ने शुरू किया मिमियाना दरअसल संसद का मानसून सत्र पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में चीन के साथ चल रहे विवाद के बीच आयोजित होने जा रहा है। भारत और चीन की सेना के बीच बीते 15 जून को हुई हिंसक झड़प में 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे। हालांकि चीन ने भी माना है कि इस झड़प में उसके भी सैनिक मारे गए थे, लेकिन उसने संख्या का खुलासा नहीं किया है।
सूत्रों की मानें तो दिसंबर में आयोजित होने वाले संसद के शीतकालीन सत्र से पहले ही मोदी सरकार के लिए इन 11 अध्यादेशों को मानसून सत्र ( Parliament monsoon session ) में पारित करवा लेना जरूरी है। इनमें से प्रमुख अध्यादेशों की बात करें तो इनमें संसदीय कार्य मंत्रालय से जुड़ा मंत्रियों के वेतन और भत्ते (संशोधन) अध्यादेश भी शामिल है। इस अध्यादेश को बीते 9 अप्रैल 2020 को जारी किया गया। ये अध्यादेश मंत्रियों के वेतन और भत्ते एक्ट, 1952 में संशोधन के लिए पेश किया गया है।
वहीं, केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के महामारी रोग (संशोधन) अध्यादेश को भी अप्रैल 2020 में 22 तारीख को जारी किया गया था। ये अध्यादेश महामारी रोग एक्ट 1897 में संशोधन की सिफारिश करता है। इस अध्यादेश में खतरनाक महामारी की रोकथाम से संबंधित कई प्रावधान हैं।
ऐसे ही बरसात होती रही तो सावधान हो जाएं दिल्ली वाले, इन इलाकों में बाढ़ का खतरा अगर बात करें तीसरे संशोधन की तो यह उपभोक्ता मामले एवं खाद्य वितरण मंत्रालय का अनिवार्य वस्तुएं (संशोधन) अध्यादेश 2020 है। इसे पांच जून 2020 को जारी किया गया था। यह अध्यादेश अनिवार्य वस्तुएं एक्ट 1955 में संशोधन की सिफारिश है।
इसके साथ ही कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय का ही किसान उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) अध्यादेश 2020 भी बीते 5 जून 2020 को जारी किया गया था। इसे भी सरकार को पारित करवाना है। इसके बाद कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय का मूल्य आश्वासन और कृषि सेवाओं पर किसान (सशक्तीकरण और संरक्षण) समझौता अध्यादेश 2020 है। इसको भी 5 जून 2020 को केंद्र सरकार द्वारा जारी किया गया था।
जबकि स्वास्थ्य मंत्रालय के होम्योपैथी सेंट्रल काउंसिल (संशोधन) अध्यादेश 2020 को बीते 24 अप्रैल 2020 को जारी किया गया था। यह अध्यादेश होम्योपैथी सेंट्रल काउंसिल एक्ट 1973 में संशोधन की सिफारिश करता है। केंद्र सरकार ने वित्त मंत्रालय के टैक्सेशन और अन्य कानून (विभिन्न प्रावधानों में राहत) अध्यादेश 2020 को 31 मार्च 2020 को जारी किया था और इसे भी पारित कराया जाना है।
इसके साथ ही दिवालियापन संहिता (संशोधन) अध्यादेश 2020 बीते छह जून को घोषित किया गया था। जबकि 26 जून को बैंकिंग विनियमन (संशोधन) अध्यादेश को रखा गया था। इन अध्यादेशों का उद्देश्य अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के साथ ही कृषि और इससे संबद्ध गतिविधियों में लगे किसानों के कल्याण के माध्यम से ग्रामीण भारत को सशक्त बनाना है।
National Recruitment Agency से कैसे मिलेगी सरकारी नौकरी, जानिए पूरी प्रक्रिया गौर करने वाली बात यह है कि संसद के मानसून सत्र ( monsoon session parliament news ) में अगर इन अध्यादेशों को पारित नहीं कराया जाता है, तो इनमें से पांच से छह अध्यादेश समाप्त हो जाएंगे।
बता दें कि अध्यादेश वो अस्थायी कानून हैं, जिन्हें भारत के राष्ट्रपति द्वारा केंद्रीय मंत्रिमंडल की सिफारिश पर प्रख्यापित किया जाता है। इसका संसद के अधिनियम के समान प्रभाव होगा। अध्यादेश की अवधि छह महीने की होती है। जिस दिन से संसद का सत्र शुरू होता है, उसे एक विधेयक द्वारा प्रतिस्थापित किया जाना चाहिए। इसे फिर छह सप्ताह के भीतर संसद द्वारा पारित किया जाना चाहिए नहीं तो यह समाप्त हो जाता है।