आखिर क्या होता है एग्जिट पोल
एग्जिट पोल एक चुनावी सर्वे होता है। मतदान वाले दिन जब मतदाता वोट देकर पोलिंग बूथ से बाहर निकलता है तो वहां सर्वे एजेंसी और मीडिया के लोगों द्वारा कुछ सवाल पूछे जाते हैं। जिसके आधार पर अनुमान लगाया जाता है कि आखिर वोटरों का रूझान किस ओर है। ऐसा प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र के अलग—अलग मतदान केंद्रों पर पूछा जाता है। मतदान के बाद ऐसे सवाल से आंकड़े एकत्र किए जाते हैं। इन आंकड़ों को जुटाकर और उनके उत्तर से अंदाजा लगाया जाता है कि वोटर का मूड क्या है। मैथमेटिकल मॉडल पर इसको निकाला जाता है।
ओपिनियन पोल और एग्जिट पोल में अंतर
ओपिनियन पोल मतदान से पहले कराए जाते हैं। ओपिनियन पोल में आम लोगों को शामिल किया जाता है। वो वोटर हो या न हो। ओपिनियन पोल के परिणाम के लिए चुनावी के लिहाज से क्षेत्र के मुख्य मुद्दों पर जनता से बात की जाती है। ओपिनियन पोल के अनुसार क्षेत्रवार यह जानने की कोशिश होती है कि लोग किस बात से संतुष्ट और किससे नाराज है। एग्जिट पोल मतदान के बाद किया जाता है। एग्जिट पोल में मतदान करने वाले मतदाता को शामिल किया जाता है। इसमें वो लोग ही शामिल होते हैं जो कि मतदान के दौरान मतदान केंद्र से बाहर निकलते हैं और उनसे बातचीत की जाती है। एग्जिट पोल को निर्णायक दौर का माना जाता है। इससे पता चलता है कि मतदाताओं ने मतदान के दौरान किस राजनैतिक दल पर अधिक भरोसा किया है। एग्जिट पोल का प्रसारण मतदान के खत्म होने के बाद किया जाता है।