टीएमसी के नेता और प्रवक्ता कुणाल घोष (Kunal Ghosh) ने इस मामले में बांग्लादेश की सरकार से कार्रवाई करने और केंद्र सरकार से तत्काल हस्तक्षेप की मांग करते हुए कहा कि भारत में जिस तरह से अल्पसंख्यक सुरक्षित हैं, उसी तरह से बांग्लादेश में भी अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए।
यह भी पढ़ेँः West Bengal: BSF की ताकत बढ़ाए जाने को लेकर बंगाल में बवाल, TMC के बयान के बाद BJP ने गिनाए फायदे पश्चिम बंगाल की सतारूढ़ पार्टी टीएमसी (TMC) के बाद बीजेपी के वरिष्ठ नेता शुभेंदु अधिकारी (Suvendu Adhikari) ने पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) को पत्र लिखकर बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों पर हमले का मुद्दा उठाया है।
उन्होंने पत्र की प्रति केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, विदेश मंत्री एस जयशंकर और राज्य के राज्यपाल जगदीप धनखड़ को भी भेजी है। शुभेंदु ने खत में ये लिखा
बीजेपी नेता शुभेंदु अधिकारी ने पीएम नरेंद्र मोदी को लिखे पत्र में कहा है, ‘मैं आपका ध्यान बांग्लादेश में दुर्गा पूजा के दौरान पूजा पंडालों में मूर्तियों के साथ हुई तोड़फोड़ की ओर दिलाना चाहता हूं। कट्टरपंथी ताकतें बांग्लादेश में सनातनी समुदाय पर हमला करने को लेकर अभ्यस्त हो गई हैं।
बीजेपी नेता शुभेंदु अधिकारी ने पीएम नरेंद्र मोदी को लिखे पत्र में कहा है, ‘मैं आपका ध्यान बांग्लादेश में दुर्गा पूजा के दौरान पूजा पंडालों में मूर्तियों के साथ हुई तोड़फोड़ की ओर दिलाना चाहता हूं। कट्टरपंथी ताकतें बांग्लादेश में सनातनी समुदाय पर हमला करने को लेकर अभ्यस्त हो गई हैं।
दुर्गा पूजा के दौरान जब जुलूस निकल रहा था तो कंट्टरपंथी ताकतों ने दुर्गा पूजा पंडाल और मूर्तियों को तोड़ा। मौजूदा समय में बांग्लादेश में रहने वाले अल्पसंख्यकों की स्थिति बहुत बुरी है। बहुत से सनातनी लोग हमले और पीड़ा के शिकार हुए हैं।
इनमें से कुछ सीमा पारकर पश्चिम बंगाल में बस गए हैं। वे लोग लगातार बांग्लादेश के पीड़ित सनातनी लोगों के साथ खड़े होने की फरियाद कर रहे हैं। आग्रह है कि इसको तुरंत और आवश्यक कदम उठाएं, जिससे बांग्लादेश में रह रहे सनातनी लोगों को राहत मिले।’
यह भी पढ़ेँः West Bengal: राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने फिर सीएम ममता बनर्जी पर बोला हमला, जानिए क्या कहा दरअसल हाल में बांग्लादेश में कट्टरपंथी ताकतों का प्रभाव बढ़ता दिख रहा है। इसके पहले भी कुछ दिन पहले हिंदू मंदिरों और मूर्तियों के साथ तोड़फोड़ की गई थी।
केंद्रीय राज्य मंत्री और पश्चिम बंगाल के सांसद शांतनु ठाकुर ने केंद्र सरकार को पत्र लिखकर इस बारे में तात्काल हस्तक्षेप करने की मांग की थी।