लेकिन बीजेपी ने ममता बनर्जी को कड़ी टक्कर देने की तैयारी में है। भाजपा नेतृत्व छह-छह कद्दावर नेताओं के नाम पर चर्चा कर रहा है। बताया जा रहा है कि ममता को भवानीपुर में झटका देने के लिए भाजपा एड़ी चोटी का जोर लगा सकती है।
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विधानसभा चुनाव में भले ही बीजेपी जीत हासिल ना कर पाई हो, लेकिन नंदीग्राम में ममता बनर्जी को मात देने में पार्टी नेता शुभेंदु अधिकारी कामयाब रहे थे। एक बार फिर बीजेपी के पास ममता को मात देने का मौका है। भवानीपुर सीट वैसे तो ममता का गढ़ रहा है, लेकिन बीजेपी को उम्मीद कि वो यहां पर टीएमसी प्रमुख को कड़ी टक्कर दे सकती है।
विधानसभा चुनाव में भले ही बीजेपी जीत हासिल ना कर पाई हो, लेकिन नंदीग्राम में ममता बनर्जी को मात देने में पार्टी नेता शुभेंदु अधिकारी कामयाब रहे थे। एक बार फिर बीजेपी के पास ममता को मात देने का मौका है। भवानीपुर सीट वैसे तो ममता का गढ़ रहा है, लेकिन बीजेपी को उम्मीद कि वो यहां पर टीएमसी प्रमुख को कड़ी टक्कर दे सकती है।
बीजेपी में इन नामों पर मंथन
भाजपा ममता बनर्जी के खिलाफ भवानीपुर से जिन छह नामों पर विचार कर रही है, उनमें टीएमसी से पूर्व राज्यसभा सांसद दिनेश त्रिवेदी का नाम सबसे ऊपर है। इसके बाद रुद्रनील घोष (जिन्हें इसी सीट पर तृणमूल के सोवनदेब चट्टोपाध्याय ने हराया था) भी आगे चल रहे हैं।
भाजपा ममता बनर्जी के खिलाफ भवानीपुर से जिन छह नामों पर विचार कर रही है, उनमें टीएमसी से पूर्व राज्यसभा सांसद दिनेश त्रिवेदी का नाम सबसे ऊपर है। इसके बाद रुद्रनील घोष (जिन्हें इसी सीट पर तृणमूल के सोवनदेब चट्टोपाध्याय ने हराया था) भी आगे चल रहे हैं।
वहीं मेघालय और त्रिपुरा के पूर्व राज्यपाल और बंगाल में पार्टी के वरिष्ठ नेता तथागत रॉय, बोलपुर विधानसभा सीट से उम्मीदवार रहे अनिर्बान गांगुली , स्वपन दासगुप्ता और भाजपा के उपाध्यक्ष प्रताप बनर्जी के नामों पर भी चर्चा जारी है।
इसलिए दिनेश त्रिवेदी पहली पसंद
बीजेपी नेताओं का मानना है कि ममता बनर्जी के सामने दिनेश त्रिवेदी ज्यादा बेहतर विकल्प होंगे। दरअसल, इसके पीछे भाजपा का गणित यह है कि सीट पर जो 2 लाख से ज्यादा वोटर हैं, उनमें 50 हजार बीजेपी के समर्थन वाले हैं।
बीजेपी नेताओं का मानना है कि ममता बनर्जी के सामने दिनेश त्रिवेदी ज्यादा बेहतर विकल्प होंगे। दरअसल, इसके पीछे भाजपा का गणित यह है कि सीट पर जो 2 लाख से ज्यादा वोटर हैं, उनमें 50 हजार बीजेपी के समर्थन वाले हैं।
इनमें बंगालियों के साथ गुजराती, सिख, बिहारी, मारवाड़ी और दूसरे समुदाय के लोग भी शामिल हैं। कुछ नेताओं का मानना है कि ये वोटर दिनेश त्रिवेद के पक्ष में वोट दे सकते हैं। त्रिवेदी के अलावा जो दूसरा नाम चर्चा में है वो है तथागत रॉय और रुद्रनील घोष। ये दोनों नेता भी ममता के खिलाफ चुनाव में दम दिखा सकते हैं।
2014 के लोकसभा चुनाव में तथागत रॉय बीजेपी की ओर से कोलकाता दक्षिण से उम्मीदवार थे और वे इसमें टीएमसी के सुब्रत बख्शी से सीधी टक्कर के बाद हारे थे।
हालांकि, उस चुनाव में उन्हें भवानीपुर विधानसभा क्षेत्र में उन्हें अच्छी बढ़त मिली थी।
हालांकि, उस चुनाव में उन्हें भवानीपुर विधानसभा क्षेत्र में उन्हें अच्छी बढ़त मिली थी।
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बता दें कि ममता बनर्जी वर्ष 2011 और 2016 के चुनावों में भवानीपुर से ही जीती थीं। चुनाव आयोग की ओर तीन विधानसभा सीटों पर उपचुनाव की तारीख के ऐलान के बाद टीएमसी ने अपने प्रत्याशियों की घोषणा कर दी है। तृणमूल कांग्रेस ने भवानीपुर से ममता बनर्जी, जांगीपुर से जाकिर हुसैन और शमशेरगंज से अमिरुल इस्लाम को उतारा है।
बता दें कि ममता बनर्जी वर्ष 2011 और 2016 के चुनावों में भवानीपुर से ही जीती थीं। चुनाव आयोग की ओर तीन विधानसभा सीटों पर उपचुनाव की तारीख के ऐलान के बाद टीएमसी ने अपने प्रत्याशियों की घोषणा कर दी है। तृणमूल कांग्रेस ने भवानीपुर से ममता बनर्जी, जांगीपुर से जाकिर हुसैन और शमशेरगंज से अमिरुल इस्लाम को उतारा है।