गुरुवार को भाजपा ने 3 लोकसभा और 16 विधानसभा सीटों पर अपने उम्मीदवारों की घोषणा की है। इसमें से चार विधानसभा सीट पश्चिम बंगाल की हैं। हालांकि बीेजेपी के चुनाव की राह आसान नहीं है। दो बड़ी चुनौतियों से पार पाना पार्टी के लिए काफी अहम है।
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गुरुवार को बीजेपी ने पश्चिम बंगाल की चार सीटों के लिए जिन प्रत्याशियों के नाम का ऐलान किया है उनमें दिनहाटा से अशोक मंडल, शांतिपुर से निरंजन विश्वास, खड़दह से जय साहा और गोसाबा से पलाश राणा को चुनावी मैदान में उतारा है।
गुरुवार को बीजेपी ने पश्चिम बंगाल की चार सीटों के लिए जिन प्रत्याशियों के नाम का ऐलान किया है उनमें दिनहाटा से अशोक मंडल, शांतिपुर से निरंजन विश्वास, खड़दह से जय साहा और गोसाबा से पलाश राणा को चुनावी मैदान में उतारा है।
इन चारों सीटों के लिए हुए उपचुनाव के परिणाम 2 नवंबर को घोषित किए जाएंगे। हाल में तीन विधानसभा सीटों पर टीएमसी की जीत के बाद बीजेपी के लिए ये उपचुनाव कड़ी चुनौती है।
बता दें कि 30 सितंबर को पश्चिम बंगाल की तीन विधानसभा सीटों पर उपचुनाव हुए थे। इसमें पश्चिम बंगाल की भवानीपुर सीट पर उपचुनाव में रिकार्ड 58 हजार से ज्यादा वोटों से जीत हासिल की थी। जंगीपुर और समसेरगंज सीट पर भी टीएमसी ने जीत हासिल की थी।
ये हैं टीएमसी के प्रत्याशी
जीत के साथ ही टीएमसी ने शांतिपुर से ब्रजकिशोर गोस्वामी, दिनहाटा से उदयन गुहा, खड़दह से शोभनदेव चट्टोपाध्याय और गोसाबा से सुब्रत मंडल को उम्मीदवार बनाने का ऐलान किया है।
जीत के साथ ही टीएमसी ने शांतिपुर से ब्रजकिशोर गोस्वामी, दिनहाटा से उदयन गुहा, खड़दह से शोभनदेव चट्टोपाध्याय और गोसाबा से सुब्रत मंडल को उम्मीदवार बनाने का ऐलान किया है।
बीजेपी के लिए दो बड़ी चुनौती
पश्चिम बंगाल में बीजेपी के लिए सबसे बड़ी चुनौती पार्टी का साथ छोड़ रहे नेताओं से निपटना है। इस वजह से पार्टी की छवि को काफी नुकसान पहुंचा है, जिसका असर मतदान के दौरान दिख सकता है।
इसके अलावा हाल में तीन विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव में मिली टीएमसी की शानदार जीत बीजेपी के लिए कड़ी चुनौती साबित हो सकती है।
पश्चिम बंगाल में बीजेपी के लिए सबसे बड़ी चुनौती पार्टी का साथ छोड़ रहे नेताओं से निपटना है। इस वजह से पार्टी की छवि को काफी नुकसान पहुंचा है, जिसका असर मतदान के दौरान दिख सकता है।
इसके अलावा हाल में तीन विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव में मिली टीएमसी की शानदार जीत बीजेपी के लिए कड़ी चुनौती साबित हो सकती है।
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चार में से दो सीटों पर प्रत्याशियों के निधन के चलते उपचुनाव हो रहे हैं। इनमें उत्तर 24 परगना जिले की खड़दह सीट पर इस साल मार्च-अप्रैल में हुए विधानसभा चुनाव में तृणमूल उम्मीदवार काजल सिंह की परिणाम घोषित होने से पहले ही कोरोना संक्रमण से मौत हो गई थी।
चार में से दो सीटों पर प्रत्याशियों के निधन के चलते उपचुनाव हो रहे हैं। इनमें उत्तर 24 परगना जिले की खड़दह सीट पर इस साल मार्च-अप्रैल में हुए विधानसभा चुनाव में तृणमूल उम्मीदवार काजल सिंह की परिणाम घोषित होने से पहले ही कोरोना संक्रमण से मौत हो गई थी।
उसी तरह से दक्षिण 24 परगना जिले के गोसाबा से जीत दर्ज करने वाले तृणमूल विधायक जयंत नस्कर की विधायक पद की शपथ लेने के कुछ दिन बाद ही निधन हो गया था। इसके अलावा, भाजपा के दो सांसदों निशिथ प्रमाणिक और जगन्नाथ सरकार ने दिनहाटा और शांतिपुर से विधायक पद से इस्तीफा दे दिया था। इसीलिए इन चारों सीटों पर उपचुनाव की नौबत आई।