ममता बनर्जी कोलकाता में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित कर रही थीं। उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा, “भगवा पार्टी का शासन एडॉल्फ हिटलर, जोसेफ स्टालिन या बेनिटो मुसोलिनी से भी बदतर है। वो एजेंसियों का उपयोग करके राज्य के मामलों में हस्तक्षेप करके भारत के संघीय ढांचे पर बुलडोजर चला रही है।”
मुख्यमंत्री ने कहा कि लोकतंत्र की रक्षा के लिए केंद्रीय एजेंसियों को स्वायत्तता दी जानी चाहिए। उन्होंने कहा, “एजेंसियों को स्वायत्तता दी जानी चाहिए और बिना किसी राजनीतिक हस्तक्षेप के निष्पक्ष रूप से काम करने की इजाजत दी जानी चाहिए। भाजपा सरकार देश के संघीय ढांचे को चरमरा रही है।” उन्होंने आगे बोलते हुए कहा कि देश में तुगलकी शासन लागू है।
वहीं ईंधन दरों में कटौती और उज्ज्वला योजना के लाभार्थियों को रसोई गैस पर 200 रुपये की सब्सिडी देने के केंद्र के एलान पर ममता बनर्जी ने कहा कि भाजपा किसी भी चुनाव से पहले ऐसा करती है। उज्ज्वला योजना के तहत बीपीएल श्रेणी का एक छोटा सा हिस्सा ही है। गरीब लोग 800 रुपये की कीमत पर घरेलू गैस कैसे खरीदेंगे?
सीएम ने पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क में हालिया कटौती को लेकर भी केंद्र पर निशाना साधा। केंद्र ने शनिवार को पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क में 8 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 6 रुपये प्रति लीटर की कटौती की थी। सरकार के इस कदम को चुनावी स्टंट बताते हुए ममता बनर्जी ने दावा किया कि गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले बहुत कम लोग ही इसका लाभ उठा पाएंगे।