राज्यपाल जगदीप धनखड़ को सरकार ने 7 अक्टूबर को एक विधायक के रूप में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को शपथ दिलाने के लिए आमंत्रित किया था, लेकिन राज्यपाल ने फिलहाल सरकार को इंतजार करने को कहा है।
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भवानीपुर उपचुनाव में रिकॉर्डतोड़ जीत दर्ज करने के बाद ममता बनर्जी को बतौर विधायक शपथ लेना थी, लेकिन राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने इस मामले में ‘खेला’ कर दिया है। गवर्नर ने ममता बनर्जी को शपथ दिलाए जाने को लेकर इंतजार करने को कहा है। राज्यपाल ने कहा कि वह आधिकारिक राजपत्र तक इंतजार करेंगे और उसके बाद ममता के शपथ लेने का कार्यक्रम होगा।
भवानीपुर उपचुनाव में रिकॉर्डतोड़ जीत दर्ज करने के बाद ममता बनर्जी को बतौर विधायक शपथ लेना थी, लेकिन राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने इस मामले में ‘खेला’ कर दिया है। गवर्नर ने ममता बनर्जी को शपथ दिलाए जाने को लेकर इंतजार करने को कहा है। राज्यपाल ने कहा कि वह आधिकारिक राजपत्र तक इंतजार करेंगे और उसके बाद ममता के शपथ लेने का कार्यक्रम होगा।
राज्यपाल जगदीप धनखड़ के इस कदम के बाद राजभवन और तृणमूल कांग्रेस सरकार के बीच एक ताजा गतिरोध पैदा हो गया है। ममता सरकार में मंत्री पार्थ चटर्जी ने कहा, ‘हमने माननीय राज्यपाल से 7 अक्टूबर को दोपहर से पहले ममता बनर्जी को शपथ दिलाने का अनुरोध किया है।
हम चाहते हैं कि वह शपथ दिलाने के लिए राज्य विधानसभा में आएं। हमें उम्मीद है कि 7 अक्टूबर तक गजट नोटिफिकेशन जारी हो जाएगा और वह विधानसभा में आकर हमारे अनुरोध का सम्मान करेंगे।
बता दें कि टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी के अलावा समसेरगंज और जंगीपुर में जीत दर्ज करने वाले तृणमूल कांग्रेस के अन्य दो विधायकों को भी शपथ दिलाई जानी है। राज्यपाल ने स्पीकर से छीना अधिकार
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने विधानसभा स्पीकर से शपथ दिलाने की शक्ति छीन ली है। एक अधिकारी ने बताया, ‘भवानीपुर और मुर्शिदाबाद जिले की दो सीटों पर हुए उपचुनाव से कुछ दिन पहले ही राजभवन की तरफ से स्पीकर के दफ्तर को एक चिट्ठी मिली थी।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने विधानसभा स्पीकर से शपथ दिलाने की शक्ति छीन ली है। एक अधिकारी ने बताया, ‘भवानीपुर और मुर्शिदाबाद जिले की दो सीटों पर हुए उपचुनाव से कुछ दिन पहले ही राजभवन की तरफ से स्पीकर के दफ्तर को एक चिट्ठी मिली थी।
इस पत्र में संविधान के अनुच्छेद 188 का जिक्र किया गया है, जो राज्यपाल को शपथ दिलवाने की शक्ति देता है। राज्य सरकार के अनुरोध के जवाब में फिलहाल राज्यपाल ने कहा कि एक बार उपचुनाव परिणाम की अधिसूचना प्रकाशित हो जाए। उसके बाद वह इस मामले में निर्णय लेंगे।
बता दें कि ममता सरकार को लेकर राज्यपाल लगातार हमला बोलते रहे हैं। वे कई मामलों में ममता सरकार के रवैए को लेकर भी केंद्र सरकार से शिकायत कर चुके हैं। खास तौर पर चुनाव बाद हिंसा मामले में भी राज्यपाल ने ममता सरकार को लेकर कड़ी प्रतिक्रिया दी थी।
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ममता बनर्जी ने भवानीपुर विधानसभा उपचुनाव 58,835 मतों के भारी अंतर से जीता है। यही नहीं इस सीट से ममता बनर्जी ने वर्ष 2011 का अपना ही रिकॉर्ड तोड़ है। बता दें कि मुख्यमंत्री बने रहने के लिए तृणमूल कांग्रेस चीफ ममता बनर्जी को 4 नवंबर तक विधानसभा के सदस्य के तौर पर शपथ लेना जरूरी है।
ममता बनर्जी ने भवानीपुर विधानसभा उपचुनाव 58,835 मतों के भारी अंतर से जीता है। यही नहीं इस सीट से ममता बनर्जी ने वर्ष 2011 का अपना ही रिकॉर्ड तोड़ है। बता दें कि मुख्यमंत्री बने रहने के लिए तृणमूल कांग्रेस चीफ ममता बनर्जी को 4 नवंबर तक विधानसभा के सदस्य के तौर पर शपथ लेना जरूरी है।
टीएमसी नेताओं का कहना है कि ममता दुर्गा पूजा से पहले ही सभी औपचारिकताएं निपटा लेना चाहती हैं, जिसमें अब काफी कम वक्त बचा है।