विश्व हिंदू परिषद के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने पत्रिका को बताया कि केंद्रीय मार्गदर्शक मंडल की बैठक विश्व हिंदू परिषद की सर्वोच्च निर्णायक बैठक होती है। इस बैठक में ज्ञानवापी में शिविलिंग मिलने के मुद्दे पर संतों के साथ चर्चा होगी। जिसमें आगे की रणनीति तय होगी। केंद्रीय मार्गदर्शक मंडल के बाद, केंद्रीय प्रबंधन समिति की भी बैठक होती है, जिसमें संतों से मिले निर्देशों को जन-जन तक ले जाने की व्यापक रणनीति कार्यकर्ताओं के समक्ष बनती है। मुझे लगता है कि हिंदू समाज को काशी में बहुत ज्यादा प्रतीक्षा नहीं करनी पड़ेगी।
विश्व हिंदू परिषद के अंतर्राष्ट्रीय कार्याध्यक्ष आलोक कुमार ने कहा कि ज्ञानवापी में सर्वे के दौरान शिवलिंग मिलने से स्वयं सिद्ध हो गया है कि वह मंदिर है। आलोक कुमार ने आशा जताई कि ज्ञानवापी में सर्वे के दौरान मिले इस साक्ष्य को समस्त देशवासी स्वीकार करेंगे और इसका आदर करेंगे। आलोक कुमार ने कहा कि शिवलिंग मिलने के बाद स्वाभाविक परिणाम की तरफ देश आगे बढ़ेगा। उन्होंने बताया कि न्यायालय ने ज्ञानवापी के शिवलिंग वाले हिस्से को संरक्षित किया है, सील किया है। पुलिस अधिकारियों का दायित्व है कि वहां कोई छेड़छाड़ न हो।
आलोक कुमार ने कहा कि चूंकि मामला अभी न्यायालय में है, इसलिए अधिक टिप्पणी करना ठीक नहीं होगा। हमने कहा था कि श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के निर्माण तक हम न्यायालय के निर्णय की प्रतीक्षा करेंगे। अब बदली हुई परिस्थितियों में हम इस मामले को आगामी 11-12 जून को हरिद्वार में होने वाली अपने केंद्रीय मार्गदर्शक मंडल की बैठक में संतों के समक्ष रखेंगे।