पूर्व पीएम राजीव गांधी के सरकार में मंत्री रहे आरिफ मोहम्मद खान 80 के दशक में कांग्रेस के बड़े नेता हुआ करते थे। 1984 में राजीव सरकार में आरिफ मोहम्मद खान केंद्रीय मंत्री थे। 1984 में शाहबानो केस में जब राजीव गांधी की सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले को संसद द्वारा कानून बनाकर पलट दिया था तो उन्होंने सरकार के इस फैसले के विरोध में केंद्रीय मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद वे लंबे समय तक सक्रिय राजनीति से दूर थे।
इसके बार आरिफ मोहम्मद खान दो महीने पहले एक बार फिर चर्चा में तब आए थे जब 25 जून को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा का जवाब देते हुए आरिफ मोहम्मद खान का जिक्र किया था और मुस्लिम समाज की सामाजिक स्थिति को लेकर कांग्रेस पर कटाक्ष किया था।
आपको बता दें कि आरिफ मोहम्मद खान ने ट्रिपल तलाक को गैरकानूनी घोषित करने के नरेंद्र मोदी सरकार के फैसले का समर्थन किया था। उन्होंने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद-370 खत्म करने के केंद्र सरकार के फैसले का भी समर्थन किया।