एक मीडिया हाउस से बातचीत में केंद्रीय मंत्री ने कहा कि गलवान घाटी में हिंसक (Violent clashes in Galvan valley ) झड़प के बाद चीन ने कुछ भारतीय जवानों को पकड़ लिया था और बाद में उन्हें लौटाया। इसी तरह भारतीय सेना ( Indian Army ) ने भी चीन के कई सैनिकों को बंधक बना लिया था और फिर उन्हें छोड़ दिया गया।
आज लगने वाला है सदी का सबसे लंबा Solar Eclipse, इतना लंबा अगला ग्रहण 3043 में लगेगा चीन में हर चीज छुपाई जाती है पूर्व सेना प्रमुख जनरल वीके सिंह ( Former Army Chief VK Singh ) ने दावा किया कि हिंसक झड़प में चीन के दोगुने सैनिक मारे गए हैं। हमारे 20 सैनिक शहीद हुए तो चीन के इससे ज्यादा सैनिक मारे गए, लेकिन चीन कभी भी इस बात का खुलासा नहीं करेगा। चीन में हर चीज छुपाई जाती है। हमारे सैनिकों ने बदला लेकर शहादत दी है।
उन्होंने कहा कि पूर्वी लद्दाख के गलवान घाटी का जो हिस्सा भारत के नियंत्रण में आता है वो आज भी हमारे पास ही है। चीन जिस पेट्रोल प्वाइंट 14 ( Petrol Point 14 ) को लेकर विवाद कर रहा है वह अभी भी भारत के नियंत्रण में ही है। गलवान घाटी का एक हिस्सा चीन के पास है और एक हिस्सा हमारे पास है।
nternational Yoga Day : संपूर्ण मानवता के लिए भारतीय संस्कृति का अनमोल उपहार है – अमित शाह केंद्रीय मंत्री वीके सिंह ने कहा कि चीन 1962 के बाद से गलवान घाटी के बैठा है और हम भी वहां से हिले नहीं हैं।
मीडिया से बातचीत के दौरान कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ( Rahul Gandhi ) पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि हमारी सेना अपनी तरफ थी और चीन की अपनी तरफ। फिर कोई हमारी तरफ से उधर गया और कोई वहां से इधर आया। हमें इस बारे में जानकारी देने की जरूरत नहीं है, क्योंकि हर किसी को यह जानने की जरूरत नहीं है।
हिंसक झड़प के बाद तनाव बढ़ा बता दें कि पूर्वी लद्दाख ( East Ladakh ) से लगते सीमा पर 5 मई से चला आ रहा तनाव 15 और 16 जून की रात गलवान घाटी में हिंसक झड़प में तब्दील हो गया। इस हिंसक झड़प में एक कर्नल समेत 20 जवान शहीद हो गए। इस घटना में चीन को भी भारी नुकसान हुआ। उसके 43 सैनिकों के मरने की खबर है। इस घटना के बाद से दोनों देशों के बीच सीमा पर तनाव बढ़ गया है।