शिवसेना ने इस सवाल पर से पर्दा उठा दिया है। शिवसेना की बैठक के बाद ये फैसला लिया गया है कि प्रदेश का नया मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे होंगे ना कि आदित्य ठाकरे।
महाराष्ट्र में सियासी संकट के बीच कांग्रेस ने चला अब तक का सबसे बड़ा दांव आपको बता दें कि प्रदेश में विधासभा चुनाव के परिणाम आने के 15 दिन बाद भी नई सरकार का गठन नहीं हो सका। दरअसल पूरा घटनाक्रम ही प्रदेश में मुख्यमंत्री बनाने की लड़ाई के बीच चला।
सुबह शिवसेना नेता संजय राउत और उद्धव ठाकरे के बीच भी लंबी बातचीत चली। इस बातचीत के बाद उद्धव ठाकरे का नाम बतौर सीएम सामने आया। इसलिए उद्धव के नाम पर मुहर
दरअसल एनसीपी नेता अजीत पवार को लेकर कयास लगाया जा रहा था कि वे आदित्य ठाकरे के नीचे डिप्टी सीएम बनना पसंद नहीं करेंगे। यही नहीं आदित्य को सीएम बनाया जाता तो शायद अन्य कई बड़े नेताओं को सीनियर-जूनियर मसला हो सकता था।
यही वजह रही कि उद्धव ठाकरे के नाम पर सभी शिवसैनिकों में सहमति भी बन गई। उद्धव ना सिर्फ शिवसैनिकों को बल्कि एनसीपी के विधायको को जोड़कर रखने में कामयाब हो सकते हैं। बीजेपी भी सीएम पद पर अड़ी थी तो शिवसेना भी सीएम पद पर अड़ी थी। ऐसे में शिवसेना की ओर से आया ये बयान काफी मायने रखता है कि प्रदेश में अगला सीएम उद्धव ठाकरे को बनाने पर सहमति बन गई है।
आपको बता दें कि अब तक एनसीपी और शिवसेना दोनों की तरफ से क्या फॉर्मूला होगा इस पर सहमति सामने नहीं आई है। बताया जा रहा है कि कांग्रेस की ओर से इशारा मिलने के बाद प्रदेश में नया फॉर्मूला सामने आ सकता है।