महाराष्ट्र में भले ही सरकार बन गई हो, लेकिन सबके मन में एक ही सवाल है कि अजित पवार की चिट्ठी में ऐसा क्या लिखा था जिसने पूरा खेल बदल दिया। दरअसल, अजित पवार का दावा था कि उनके पास सभी 54 एनसीपी विधायकों का समर्थन हासिल हैं। यानी पार्टी के सभी 54 विधायक उनके साथ खड़े हैं।
दरअसल, अजित पवार ने चिट्ठी में लिखा था कि राज्य में ज्यादा वक्त तक राष्ट्रपति शासन ना लगाया जाए ऐसी मेरी इच्छा है। इसलिए मैं भाजपा को सत्ता स्थापित करने के लिए समर्थन देता हूं। उन्होंने आगे लिखा कि मैं राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी गुट का नेता हूं और मेरे साथ पार्टी के 54 विधायक हैं। गौरतलब है कि अजित पवार द्वारा मराठी में लिखी गई इस चिट्ठी को 22 तारीख को राज्यपाल को सौंपा गया था। एडवोकेट तुषार मेहता ने इस चिट्ठी का हिंदी में अनुवाद कर सोमवार को कोर्ट में पेश किया। वहीं, इस चिट्ठी को लेकर NCP शरद पवार ने कहा कि अजित पवार ने एक चिट्ठी के बल पर पूरा खेल रचा। पार्टी के विधायक दल के नेता के रूप में अजित पवार के पास सभी पार्टी विधायकों के हस्ताक्षर थे और वह यही चिट्ठी लेकर राज्यपाल के पास चले गए। इसी चिट्ठी को अजित पवार ने विधायकों के समर्थन के रूप में पेश किया। अब देखना यह है कि इस मसले पर सुप्रीम कोर्ट मंगलवार को क्या फैसला सुनाता है।