भाजपा तीन तलाक बिल आज राज्यसभा में पास कराना चाहेगी। राज्यसभा में यह बिल पास हो पाएगा या नहीं, ये बात गैर एनडीए और गैर-यूपीए पार्टियों पर निर्भर करेगी। No data to display.बता दें कि लोकसभा में भले ही भाजपा के पास अपने दम पर बहुमत है, लेकिन राज्यसभा में पार्टी अभी भी मैजिक नंबर से बहुत दूर है। इसलिए यह जानना जरूरी है कि भाजपा की राज्यसभा में स्थिति क्या है।
एनडीए सांसदों की संख्या 103 दरअसल, राज्यसभा में एनडीए के पास बहुमत नहीं है। पूर्व केंद्रीय मंत्री और राज्यसभा सांसद अरुण जेटली वोटिंग नहीं करेंगे। ऐसे में अकेले भाजपा के पास महज 77 सीटें हैं। जबकि राज्यसभा में एनडीए सांसदों की संख्या 103 है।
तीन तलाक बिल: BJP का प्लान बी तैयार, नाराज सपा सबसे बड़ी बाधा जेडीयू, एआईएडीएमके और वाईएसआर का पक्ष में वोटिंग करना मुश्किल केंद्र में भाजपा की सहयोगी नीतीश कुमार की अध्यक्षता वाली पार्टी जेडीयू ट्रिपल तलाक बिल ( Tripple Talaq Bill ) पर वोटिंग नहीं करने के पक्ष में है।
एआईएडीएमके और वाईएसआर कांग्रेस पार्टी भले सहयोगी नहीं है लेकिन ट्रिपल तलाक बिल ( Tripple Talaq Bill ) पर पक्ष में वोटिंग नहीं करेगी। बीजू जनता दल (बीजेडी) तीन तलाक के मुद्दे पर सरकार के पक्ष में वोटिंग कर सकती है।
राज्यसभा में फिलहाल इस बिल को पास कराने के लिए 121 वोटों की जरूरत है। कांग्रेस नेता कुलदीप बिश्नोई के घर 78 घंटे चली IT रेड, 200 करोड़ की विदेशी संपत्ति का खुलासा
BJP को मिल सकता है वाकआउट का लाभ सूत्रों के मुताबिक राज्यसभा में वाईएसआरसीपी के पास दो सांसद, जेडीयू के 6 सांसद और एआईएडीएमके के 13 सांसद में तीन तलाक पर वोटिंग के दौरान हिस्सा नहीं लेंगे।
अगर ये पार्टियां वोटिंग से गैर हाजिर रहती हैं तो इससे राज्यसभा की संख्या कम हो जाएगी और बहुमत का आंकड़ा भी घट जाएगा। तीन तलाक बिल पर मतदान के दौरान कुछ पार्टियों के सांसद अगर वॉकआउट करते हैं तो इसका फायदा एनडीए को मिल सकता है।
ऐसा होने पर मोदी सरकार की राह राज्यसभा में आसान हो जाएगी। ट्रिपल तलाक बिल को राज्यसभा में पास केंद्र सरकार पास कराने में भी कामयाब हो सकती है। टीएसआर का रुख साफ नहीं
तेलंगाना राष्ट्र समिति ( TRS ) वोटिंग में हिस्सा लेगी या नहीं इसकी जानकारी सामने नहीं आई है। टीआरएस के कुल 6 सांसद हैं। इस बात की संभावना ज्यादा है कि टीआरएस मतदान में भाग न ले।
एनडीए का गणित भारतीय जनता पार्टी – 78, असम गण परिषद – 1, नगा पीपल्स फ्रंट- 1, रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया- 1, सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट- 1, शिव सेना- 3, लोक जनशक्ति पार्टी- 1, निर्दलीय – 4, नामित सांसद- 3, बीजू जनता दल- 7, शिरोमणि अकाली दल – 3 व अन्य सहित मोदी सरकार के पास कुल 104 वोट हैं।
कर्नाटक: भाजपा नेता केजी बोपैया बन सकते हैं विधानसभा स्पीक बिल के खिलाफ सांसदों की संख्या 109 कांग्रेस – 48, तृणमूल कांग्रेस – 13, आम आदमी पार्टी – 3, बहुजन समाज पार्टी – 4, समाजवादी पार्टी – 12, द्रविण मुनेत्र कड़गम – 3, जेडीएस – 1, राष्ट्रीय जनता दल – 5, नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी – 4, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी – 2, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी मार्क्सवादी – 5, इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग – 1, केरल मणि कांग्रेस – 1, पीपल्स डेमोक्रेटिक पार्टी – 2, तेलगू देशम पार्टी – 2, निर्दलीय- 2 व नामित – 1 सदस्य हैं।