मोदी सरकार इससे पहले भी दो बार तीन तलाक बिल को पास कराने के लिए राज्यसभा में पेश कर चुकी है। दोनों बार इस बिल को राज्यसभा से पास कराने में मोदी सरकार विफल रही।
इस बार भी बिल का पास होना मुश्किल है। हालांकि भाजपा क्षेत्रीय दलों की मदद से इसे पास कराने के प्रयास में जुटी है। हम नेता जीतन राम ने कहा- आजम खान मांगे माफी, इस्तीफा देने की जरूरत नहीं
117 सांसदों के समर्थन का दावा अपने पहले कार्यकाल के दौरान केंद्र सरकार इस बिल को राज्यसभा में पास नहीं करा पाई थी। इस बार मोदी सरकार 2.0 की ओर से दावा किया जा रहा है कि तीन तलाक बिल पर सरकार के पास 117 सांसदों का समर्थन हासिल है।
एनसीपी नेता शरद पवार ने मोदी सरकार पर लगाया सत्ता के दुरुपयोग का आरोप तीन तलाक पर मिल सकता है बीजेडी का साथ जानकारी के मुताबिक सोमवार को राज्यसभा से तीन तलाक बिल ( Triple Talaq Bill ) पेश होने पर जेडीयू, टीआरएस और वाईएसआर, कांग्रेस के 14 और सपा-आरजेडी के कम से कम 3 सदस्य मतदान के दौरान वाकआउट करेंगे। भाजपा की नजर क्षेत्रीय दलों की इस नीति का लाभ उठाने पर टिकी है।
दूसरी तरफ मोदी सरकार 2.0 को इस बार राज्यसभा में तीन तलाक बिल ( Triple Talaq Bill ) पर बीजू जनता दल के साथ मिलने की उम्मीद है। लिकर किंग विजय माल्या ने SC में संपत्ति की कुर्की पर रोक लगाने की अपील की, सुनवाई कल
समीकरण भाजपा के पक्ष में राज्यसभा में इस समय 241 सदस्य हैं। ऐसे में अगर सरकार को किसी भी बिल ( Triple Talaq Bill ) को पास करना है तो उसे 121 सदस्यों का समर्थन चाहिए। सरकार के दावे के मुताबिक उसके पास राज्यसभा में 117 सदस्यों का समर्थन मौजूद है।