नई दिल्ली। लोकसभा से तीन तलाक बिल ( Triple Talaq Bill ) पास होने के बाद अब इसे सोमवार को राज्यसभा में पेश किया जाएगा। ऐसा पहली बार नहीं है कि मोदी सरकार की ओर से राज्यसभा में पहली बार तीन तलाक बिल पेश किया जाएगा। इससे पहले भी इस बिल को पास कराने के लिए मोदी सरकार ने इसे राज्यसभा में पेश किया था।
बता दें कि अपने पहले कार्यकाल के दौरान केंद्र सरकार इस बिल को राज्यसभा में पास नहीं करा पाई थी। इस बार मोदी सरकार 2.0 की ओर से दावा किया जा रहा है कि तीन तलाक बिल ( Triple talaq bill ) पर सरकार के पास 117 सांसदों का समर्थन हासिल है।
तीन तलाक पर मिल सकता है बीजेडी का साथ सूत्रों के मुताबिक सोमवार को राज्यसभा से तीन तलाक बिल ( Triple talaq bill ) पेश होने पर जेडीयूू, टीआरएस और वाईएसआर, कांग्रेस के 14 और सपा-आरजेडी के कम से कम 3 सदस्य मतदान के दौरान वाकआउट करेंगे।
समीकरण भाजपा के पक्ष में राज्यसभा में इस समय 240 सदस्य हैं। ऐसे में अगर सरकार को किसी भी बिल को पास करना है तो उसे 121 सदस्यों का समर्थन चाहिए होता है। सरकार के दावे के मुताबिक उसके पास राज्यसभा में 117 सदस्यों का समर्थन मौजूद है।
अगर जदयू, टीआरएस, वाईएसआर के 14 और राजद-सपा के तीन सदस्यों ने वोटिंग में हिस्सा नहीं लेते हैं तो सदन की शक्ति 223 रह जाएगी। इस लिहाज से बिल ( Triple talaq bill ) पास कराने के लिए 223 में से केवल 112 सदस्यों के समर्थन की जरूरत होगी। जबकि सरकार के पास 117 सदस्यों का समर्थन होगा।