केजरीवाल सरकार ने अपने फैसले में साफ कर दिया है कि इसमें फाइनल ईयर के एग्जाम भी शामिल हैं। लोगों को डिग्री यूनिवर्सिटी द्वारा तय मूल्यांकन मापदंडों के हिसाब से दी जाएगी। शनिवार को दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ( Delhi Deputy Chief Minister Manish Sisodia ) ने आज इस फैसले की घोषणा की है।
कोरोना पर काबू पाने के लिए 14 दिनों के लिए लगे लॉकडाउन : डॉ. रणदीप गुलेरिया 3 यूनिवर्सिटी में नहीं होंगे एग्जाम दिल्ली सरकार की इस फैसले के बाद अब आईपी यूनिवर्सिटी ( IP University) , आंबेडकर यूनिवर्सिटी ( Ambedkar University ) , डीटीयू ( DTU ) व अन्य संस्थानों में एग्जाम नहीं होंगे। लेकिन दिल्ली यूनिवर्सिटी ( Delhi University ) से जुड़े दिल्ली सरकार के कॉलेजों के बारे में केंद्र को फैसला करना होगा। दिल्ली सरकार का मानना है कि ऐसे में जिस सेमेस्टर को पढ़ाया नहीं गया, उसकी परीक्षा कराना मुश्किल है।
सेंट्रल यूनिवर्सिटीज को भी लिखा खत दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने इसकी जानकारी खुद मीडिया को दी। वह बोले कि पूरा का पूरा सेमेस्टर पढ़ाई नहीं हुई है तो ऐसे में एग्जाम कैसे। उन्होंने बताया कि यूनिवर्सिटीज से यह भी कहा गया है कि डिग्री रोककर न रखें। उन्होंने बताया कि अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली के साथ बाकी राज्यों की भी केंद्रीय यूनिवर्सिटीज ( Central Universities ) के एग्जाम कैंसल करवाने के लिए पत्र लिखा है।
आपको बता दें कि इससे पहले एचआरडी मिनिस्ट्री ( HRD Ministry ) ने सोमवार को ऐलान किया था कि यूनिवर्सिटीज में फाइनल ईयर के एग्जाम सितंबर के आखिर में कराए जाएंगे। ये एग्जाम जुलाई में होने थे लेकिन कोरोना वायरस महामारी की वजह से उन्हें सितंबर के आखिर तक के लिए टाल दिया गया है।
यूजीसी की नई गाइडलाइंस ( UGC News Guidelines ) के मुताबिक सितंबर में फाइनल ईयर एग्जाम में हिस्सा न लेने वाले स्टूडेंट्स को एक दूसरा मौका मिलेगा और यूनिवर्सिटीज उनके लिए स्पेशल एग्जाम ( Special Exam ) कराएंगी।