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पलनीस्वामी ने सुलूर पुलिस थाने से आईएएनएस को फोन पर बताया कि इस वेबसाइट की शुरुआत वी. के. शशिकला का विरोध करने के लिए साल 2017 में की गई थी। किसी ने मुझसे कहा था कि लोगों को अन्नाद्रमुक का सदस्य बनने और वेबसाइट के माध्यम से दो पत्तियों को वोट देने के लिए कहना अपराध माना गया है और अब कार्रवाई हुई है।
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उन्होंने कहा कि वेबसाइट की शुरुआत पार्टी महासचिव के चुनाव के लिए हुई थी। उनके अनुसार, पार्टी से उनके निष्कासन को दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है, और मामले पर अगले महीने की शुरुआत में सुनवाई होने वाली है। पलनीस्वामी ने कहा कि उन्होंने कभी नहीं कहा कि वह ही वास्तविक अन्नाद्रमुक हैं और वह हमेशा से पार्टी के महासचिव चुने गए हैं।
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पलनीस्वामी शशिकला के विरोधी थे। जब शशिकला के खिलाफ विरोध शुरू हुआ था, तब वह अन्नाद्रमुक के कॉर्डिनेटर और उपमुख्यमंत्री ओ. पन्नीरसेल्वम के पक्ष में थे।